खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण, कोयला आधारित उद्योग बंद करने की सिफारिश
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर के कोयला आधारित उद्योगों को बंद करने की सिफारिश की है। इस दौरान स्मॉग न बढ़े, इसके लिए भी कई कदम उठाने को कहा गया है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। 19 से 30 जनवरी के मध्य दिल्ली में होने वाले आशियान सम्मेलन को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर के कोयला आधारित उद्योगों को बंद करने की सिफारिश की है। इस दौरान स्मॉग न बढ़े, इसके लिए भी कई कदम उठाने को कहा गया है।
सीपीसीबी ने हवा की खराब स्थिति और आशियान सम्मेलन की तैयारियों को लेकर बृहस्पतिवार की शाम टास्क फोर्स की बैठक ली। इस बैठक में दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के अधिकारी भी शामिल हुए।
इमरजेंसी जैसे हालात
सीपीसीबी के सदस्य सचिव ए सुधाकर ने बताया कि दिल्ली की हवा एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। बृहस्पतिवार सुबह 7 बजे से ही प्रदूषण का स्तर इमरजेंसी हालात जैसा है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि आने वाले दिनों में सुबह के समय घना कोहरा हो सकता है। ऐसे में हवा को साफ बनाए रखने के लिए ऑड-ईवन जैसे कदम को अपनाना होगा।
ऑड-ईवन के लिए तैयार रहना होगा
बैठक में साफ कहा गया कि सभी निजी वाहनों (इमरजेंसी वाहनों को छोड़कर) पर ऑड-ईवन लागू किए जाने को दिल्ली एनसीआर को तैयार होना होगा। इसके अलावा 15 से 30 जनवरी तक दिल्ली एनसीआर के सभी कोयला आधारित उद्योगों को बंद करने की सिफारिश भी की गई है।
हवा को साफ बनाए रखने के लिए उठाने होंगे कदम
आशियान सम्मेलन के दौरान हवा को साफ बनाए रखने के लिए ग्रेप के खतरनाक स्तर के एक्शन को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। इसमें एनसीआर के ईंट भट्टों, स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट को बंद करना, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने के साथ-साथ पानी का छिड़काव बढ़ाना, ईंट भट्टों पर 31 जनवरी 2018 तक पूरी तरह रोक लगाने, अवैध उद्योगों पर कार्रवाई तेज करने जैसे कदम उठाने की सिफारिश भी की गई है।
कार्रवाई करने की तैयारी
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को लोगों को जागरुक करने के निर्देश भी दिए गए हैं। जो लोग नियम तोड़ रहे हैं उनके चालान किए जाने की कार्रवाई भी तेज करने को कहा गया है।
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