Delhi Metro को 2 साल के भीतर हो गया 3000 करोड़ रुपये का घाटा, DMRC ने बताया- कैसे होगी कमाई
Delhi Metro Big Loss News मार्च 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण से पहले दिल्ली मेट्रो की रोजाना कमाई 10 करोड़ रुपये थी और यह घटकर 2 करोड़ पहुंच गई। आलम यह है कि दिल्ली मेट्रो फिलहाल 3000 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में दौड़ रही है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत यानी मार्च से पहले तक मुनाफे में रफ्तार भरने वाली दिल्ली मेट्रो महामारी की मार से अब तक पूरी तरह उबर नहीं पाई है। सब कुछ सामान्य होने बाद मेट्रो में यात्रियों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन कोरोना से पहले के बराबर अभी मेट्रो में यात्री सफर नहीं कर रहे हैं। इस वजह से पहले की तुलना में 20 से 22 प्रतिशत कम यात्री सफर कर रहे हैं। ऐसे में डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) के सामने मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ाकर घटे की भरपाई करने की बड़ी चुनौती है। कुलमिलाकर दिल्ली मेट्रो रेल निगम का घाटा 3000 करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है।
डीएमआरसी को आगामी मानसून व त्योहार सीजन से बड़ी उम्मीदें हैं। डीएमआरसी का कहना है कि यह देखा गया है कि जुलाई से अक्टूबर के बीच मेट्रो में सबसे अधिक यात्री सफर करते हैं। यदि कोरोना नियंत्रित रहा तो उम्मीद है कि मानसून व त्योहार के सीजन में मेट्रो में पहले के बराबर या उससे अधिक यात्री सफर करने लगेंगे।
आंकड़े भी इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं। फरवरी माह से लगातार मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। दरअसल, कोरोना से पहले मेट्रो में एक दिन में 60 लाख से अधिक यात्राएं यात्री किया करते थे। वर्ष 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर छह माह तक मेट्रो का परिचालन बंद रहा।
पिछले साल भी मेट्रो सेवा काफी प्रभावित रही और बहुत कम क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन हुआ। इस साल 28 फरवरी से यात्रियों के बैठने व खड़े होने के 100 फीसद क्षमता के साथ मेट्रो परिचालन का प्रविधान हुआ। इसके बाद से अब तक एक दिन में 49 लाख यात्राएं यात्री करने लगे हैं। पिछले दिनों मेट्रो के स्थापना दिवस समारोह में भी मेट्रो में यात्रियों की कम संख्या पर चिंता जारी की गई थी।
डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो में हर माह सफर करने वाले यात्रियों की औसत संख्या कई कारणों पर निर्भर करती है, जिसमें स्कूल कालेज खुले होने, गर्मी व सदी की छुट्टियां, मानसून व त्योहार इत्यादि शामिल हैं। कोरोना से पहले वर्ष 2019 के मार्च व जून में हर माह औसतन 47 लाख यात्राएं यात्री करते थे। जुलाई में यह आंकड़ा 51 लाख, अगस्त में 52 लाख, सितंबर 54 व अक्टूबर में भी 50 लाख से अधिक था। उम्मीद है कि इस बार भी जुलाई से अक्टूबर के बीच यात्रियों के सफर का यह आंकड़ा पार कर जाएगा।
इस साल अब तक चार महीने में मेट्रो का यात्रियों द्वारा औसतन इस्तेमाल
- जनवरी- 19 लाख
- फरवरी- 32 लाख
- मार्च- 37 लाख
- अप्रैल- 40 लाख
इस तरह हुई कमी और बढ़ गया घाटा
- कोरोना से पहले वर्ष 2019-20 में मेट्रो को यात्री किराये से मिला राजस्व- 3897.29 करोड़ रुपये
- कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर वर्ष 2020-21 में यात्री किराये से मिला राजस्व- 876.98 करोड़ रुपये
- घाटा- 3020.31 करोड़ रुपये