Move to Jagran APP

जानें- क्यों देश में कोरोना से अधिक भयावह हो सकता है कैंसर, सिर्फ 8 माह में 1 लाख लोगों की मौत

कोरोना से करीब आठ माह के संघर्ष के बाद अब डॉक्टरों को लगने लगा कि यदि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का पहले की तरह इलाज शुरू नहीं किया गया तो कोरोना के मुकाबले कैंसर से मौत का मंजर ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 10:57 AM (IST)
जानें- क्यों देश में कोरोना से अधिक भयावह हो सकता है कैंसर, सिर्फ 8 माह में 1 लाख लोगों की मौत
कैंसर मरीजों की मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। देश-दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ तो हर कोई खौफ में था।  देश के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में भी ओपीडी के साथ-साथ सर्जरी भी बंद करनी पड़ गई। अपने स्वास्थ्य की चिंता करते हुए कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों ने भी अस्पताल आना बंद कर दिया। कोरोना से करीब आठ माह के संघर्ष के बाद अब डॉक्टरों को लगने लगा कि यदि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का पहले की तरह इलाज शुरू नहीं किया गया तो कोरोना के मुकाबले कैंसर से मौत का मंजर ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इस खतरे की तरफ इशारा एम्स नेशनल ग्रैंड राउंड में डॉक्टरों ने किया है। वैसे भी समय पर इलाज नहीं मिल पाने से कैंसर के गंभीर मरीज अब अधिक पहुंच रहे हैं। लिहाजा, एम्स कैंसर सेंटर में दोबारा रुटीन सर्जरी शुरू कर दी गई है।

loksabha election banner

मार्च में 120 कैंसर मरीजों की सर्जरी हुई थी। सामान्य परिस्थितियों में सितंबर तक 840 कैंसर के मरीजों की सर्जरी हो जानी चाहिए थी। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से यह प्रभावित हुई और अप्रैल से जून तक कैंसर के मरीजों की रुटीन सर्जरी बिल्कुल ही बंद रही। अप्रैल में सिर्फ चार मरीजों की इमरजेंसी सर्जरी हुई। हालांकि अगस्त व सितंबर में सर्जरी बढ़ी है। फिर भी करीब 58 फीसद सर्जरी कम हुई है। एम्स के कैंसर विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर का इलाज सुचारु रूप से होने पर इस बीमारी से हर साल आठ लाख से ज्यादा मरीजों की मौत होती है। उल्लेखनीय है कि कोरोना से करीब आठ माह में देशभर में 1.10 लाख लोगों की मौत हुई है।

कैंसर व गंभीर बीमारियों की सर्जरी शुरू करने का वक्त

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के संदर्भ में अब काफी जानकारी मिल चुकी है। इसलिए कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों की सर्जरी शुरू करने का वक्त है। एम्स के कैंसर विशेषज्ञों ने कहा कि सर्जरी में देर करने से मरीजों का नुकसान होगा।

70 से 80 फीसद कैंसर मरीजों की टली सर्जरी

एम्स के कैंसर सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. एसवीएस देव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि यूरोपीय देशों के मुकाबले एशियाई देशों में कैंसर मरीजों का इलाज ज्यादा प्रभावित रहा है। यूरोपीय देशों में 20 से 30 फीसद कैंसर के मरीजों की सर्जरी टली, जबकि एशिया के देशों में 70 से 80 फीसद सर्जरी टली। डॉ. सुषमा भटनागर ने कहा कि बहुत मरीजों को क्यूरेटिव इलाज नहीं मिल पाने से उनकी हालत ज्यादा गंभीर हो गई। उन्हें पैलिएटिव केयर की जरूरत पड़ रही है। सर्जरी प्रभावित होने से रेडियोथेरेपी के लिए मरीजों का दबाव बढ़ गया है।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.