जानिए किन छोटे उपायों से डेंगू से हो सकता है पूरा बचाव, लापरवाही पड़ रही हर बार भारी
Dengue Prevention Tips अब सवाल यह है कि सब कुछ जानने-समझने के बाद भी आखिर डेंगू क्यों फैलता है। तो बात साफ है कि इसे रोकने की जिम्मेदारी हम सब की है लेकिन हम सभी इसके प्रति लापरवाह बने रहते हैं जिस वजह से इसे पनपने का मौका मिलता है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। डेंगू साफ पानी में फैलता है, यह बात हम सभी जानते हैं। बारिश के बाद ही इसका प्रकोप बढ़ता है, इस बात से भी हम सब अच्छी तरह से अवगत हैं। अब सवाल यह है कि सब कुछ जानने-समझने के बाद भी आखिर डेंगू क्यों फैलता है। तो बात साफ है कि इसे रोकने की जिम्मेदारी हम सब की है, लेकिन हम सभी इसके प्रति लापरवाह बने रहते हैं, जिस वजह से इसे पनपने का मौका मिलता है। डेंगू को कैसे रोका जाए, इसके लिए सभी को अपने स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है।
जहां तक डेंगू को रोकने के लिए प्रयास करने की बात है तो इसके लिए सबसे अधिक जरूरत जागरूकता की है। लोग जागरूक होंगे तो वे अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझ पाएंगे। शहर का हर व्यक्ति यह समझे कि डेंगू की रोकथाम कर वह प्रशासन पर कोई एहसान नहीं कर रहा है, बल्कि अपने परिवार और आस पड़ोस के लोगों को एक गंभीर बीमारी से बचा रहा है। डेंगू के बचाव के लिए बहुत छोटा सा उपाय है कि हमें अपने घरों और आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने देना है। कहीं पानी भरता है तो उसे नियमित बदलते रहना है या भरने नहीं देना है। इतना तो हम सब कर ही सकते हैं। प्रशासन और स्थानीय निकायों का जो काम है, वे ठीक से करें तो इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
पूरे साल हों गंभीर प्रयास
मेरे हिसाब से इस कार्य में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और विभिन्न एनजीओ का लाभ लिया जा सकता है। प्रशासन और निकाय इन्हें डेंगू की रोकथाम के लिए चलाए जाने वाले अभियान में शामिल करें और बड़े स्तर पर अभियान चलाएं। इसे लोगों का अभियान बनाने की जरूरत है। डेंगू हर साल फैलता है। यह सभी को पता है कि बारिश के बाद डेंगू आएगा, फिर भी हर साल मामला खत्म होते ही इसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास भी कम हो जाते हैं।
राजनीति छोड़ जनहित में हो काम
जहां तक मरीजों के इलाज में कमी रह जाने की बात है तो इसके लिए सबसे बड़ी वजह अस्पतालों में अचानक से डेंगू के मरीजों का बढ़ जाना है। डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने पड़ते हैं, जो केवल अस्पताल में ही चढ़ाए जा सकते हैं। ऐसे में मरीजों को भर्ती करना पड़ता है। अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के बेड की स्थिति पहले से ठीक जरूर हुई है, अब भी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है। अस्पताल में इतनी सुविधा तो होनी ही चाहिए कि डेंगू का मरीज जाए तो उसे बेड के लिए भटकना न पड़े। इस मामले में बिल्कुल भी राजनीति नहीं होनी चाहिए।
अभी होता क्या है कि दिल्ली सरकार और नगर निगम एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। राजनीति छोड़ हर स्तर पर यह प्रयास हों कि लोगों को अधिक से अधिक सुविधा कैसे मिले। उन्हें डेंगू से कैसे बचाया जाए, बीमार होने पर उन्हें किस तरह बेहतर सुविधा मिल सकें। जनता को साथ लेकर डेंगू पर जीत हासिल की जा सकती है।
(उमेश सैगल, पूर्व मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार)