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केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बड़ा बयान, दिल्ली में अनलाेड नहीं हो पा रही ऑक्सीजन तो भेजी जाए गाजियाबाद

जनरल वीके सिंह का कहना है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। व्यवस्था ठीक न होने के कारण वहां ट्रेन से ऑक्सीजन अनलोड नहीं हो रही है। ऐसे में ट्रेन खड़ी रहती है ऑक्सीजन का इस्तेमाल नहीं हो पाता है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 07:37 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बड़ा बयान, दिल्ली में अनलाेड नहीं हो पा रही ऑक्सीजन तो भेजी जाए गाजियाबाद
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बड़ा बयान, दिल्ली में अनलाेड नहीं हो पा रही ऑक्सीजन तो भेजी जाए गाजियाबाद

नई दिल्ली/गाजियाबाद [अभिषेक सिंह]। एक तरफ दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह का कहना है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। व्यवस्था ठीक न होने के कारण वहां ट्रेन से ऑक्सीजन अनलोड नहीं हो रही है। ऐसे में ट्रेन खड़ी रहती है, ऑक्सीजन का इस्तेमाल नहीं हो पाता है। केंद्र सरकार और दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बनाई गई कमेटी से मांग की गई है कि दिल्ली में ट्रेन से अनलोड न हो पानी वाली ऑक्सीजन गाजियाबाद भेजी जाए, जिससे न केवल गाजियाबाद बल्कि नोएडा और मेरठ में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके।

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बता दें कि जनरल वीके सिंह शुक्रवार शाम को वर्चुअल माध्यम से जिले के पत्रकारों से जुड़े। इसमें उन्होंने बताया कि जिले में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार में मंत्री पीयूष गोयल और उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से उनकी फोन पर बात हुई है। उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन लाने के लिए एक ट्रेन जामनगर भेजी गई है। वहां से ट्रेन शुक्रवार देर रात को गाजियाबाद पहुंचेगी। इस ट्रेन से 40 टन ऑक्सीजन गाजियाबाद में देने की मांग की गई है, जिस पर सरकार ने सहमति दी है। जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रोजाना ट्रेन आएगी। इसके अलावा उड़ीसा में 3-4 ऑक्सीजन प्लांट हैं, वहां से भी ऑक्सीजन लाने की तैयारी की जा रही है।

संक्रमित होने के बावजूद मैं नहीं गया अस्पताल

जनरल वीके सिंह ने बताया कि स्थिति यह है कि मरीज ज्यादा हैं और संसाधन कम हैं। संक्रमित होने के बावजूद मैं उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ। यह मेरी गलती भी रही, क्योंकि मेरे परिवार के अन्य लोग भी संक्रमण की चपेट में आ गए। मुझे अस्पताल जाना चाहिए था, हालांकि अब स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।

हक्का-बक्का हो गया प्रशासन

उन्होंने बताया कि संक्रमण के मामले लगातार बढ़े और संसाधनों की कमी हुई तो जिला प्रशासन हक्का बक्का रह गया। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय, सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता सहित अन्य अधिकारी भी संक्रमण की चपेट में आ गए। इस दौरान दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रशासन के लिए वालंटियर्स लगाए गए। आइटी टीम को मदद के लिए जिला प्रशासन के साथ जोड़ा गया है। ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई गई है। जिले को हरिद्वार से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई, जबकि उत्तराखंड दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन नहीं देता है।

अस्पतालों पर होगी सख्ती, जिला प्रशासन को बनाएंगे जवाबदेह

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में महंगे दाम पर उपचार करने की शिकायत मिल रही है। इस वक्त कुछ अस्पताल अपना फायदा देख रहे हैं। उन पर सख्ती की जाएगी। अस्पतालों में बेडों की संख्या कम हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा फोन न उठाए जाने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्यवाहक जिलाधिकारी से बात की जाएगी। जिला प्रशासन को जवाबदेह बनाया जाएगा।

सोसायटी स्तर पर होगा वैक्सीनेशन

जिले में कोरोनारोधी टीका लगवाने में लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए सोसायटी स्तर पर आरडब्ल्यूए के सहयोग से वैक्सीनेशन कराया जाएगा। जिससे की लोगों को संक्रमण की चपेट में आने का डर न रहे और सभी लोग आसानी से वैक्सीन लगवा सकें। इस संबंध में जनरल वीके सिंह ने कार्यवाहक जिलाधिकारी को निर्देश देने की बात कही है।


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