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पढ़िए नांगल ठाकरान गांव की कहानी, यहां कोरोना से मिलकर लड़ रहे ग्रामीण तो इलाके में नहीं हो रही एक भी मौत

डाॅक्टर नर्स सफाई कर्मी समेत गांव के सभी लोग एकजुट होकर कोरोना संक्रमण से लड़ रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि बीते 20 दिनों में कोरोना संक्रमण की वजह से गांव में किसी की मौत नहीं हुई है। जबकि आसपास हर रोज संक्रमित दम तोड़ रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 05:13 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 05:13 PM (IST)
पढ़िए नांगल ठाकरान गांव की कहानी, यहां कोरोना से मिलकर लड़ रहे ग्रामीण तो इलाके में नहीं हो रही एक भी मौत
डाक्टर, नर्स समेत गांव के लोग एकजुट हो कर रहे कोरोना संक्रमितों की मदद

नई दिल्ली [सोनू राणा]। कोरोना महामारी के दौरान बवाना विधानसभा क्षेत्र के नांगल ठाकरान गांव के लोगों ने मिसाल पेश की है। डाॅक्टर, नर्स, सफाई कर्मी समेत गांव के सभी लोग एकजुट होकर कोरोना संक्रमण से लड़ रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि बीते 20 दिनों में कोरोना संक्रमण की वजह से गांव में किसी की मौत नहीं हुई है। जबकि आसपास के गांवों में हर रोज कोई न कोई कोरोना संक्रमित दम तोड़ रहा है।

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गांववालों ने बनाया वाट्सएप ग्रुप

दरअसल कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और अस्पतालों में हो रही बेड कि किल्लत को देखते हुए गांव के लोगों ने फैसला किया कि जब तक मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिलता तब तक उनको उनके घर पर ही हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इसको लेकर गांव के लोगों ने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया और कोरोना संक्रमित परिवार तक हर संभव मदद पहुंचाने का जिम्मा उठाया। अब कोरोना संक्रमितों के घर में मास्क, सैनिटाइजर व दवा से लेकर आक्सीजन सिलेंडर तक मुफ्त में पहुंचाया जा रहा है। मरीजों की मदद के लिए एंबुलेंस की भी सुविधा गांव वालों ने ही की है।

बेड मिलने तक घर पर ही हो रहा इलाज

नांगल ठाकरान गांव निवासी व कालरा अस्पताल के कार्डियोलाजिस्ट डा विकास ठाकरान ने बताया कि जब तक मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल जाता, तब तक उनको सरकार की गाइलाइन के अनुसार घर पर ही इलाज दिया जा रहा है। गांव के 20 से अधिक लोग ग्रामीणों की मदद के लिए हर समय तैयार रहते हैं। ये वो लोग हैं जो या तो कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं या फिर उनके परिवार में किसी को कोरोना संक्रमण हुआ था। ये लोग मरीजों को दवा से लेकर आक्सीजन सिलेंडर तक घर पर ही उपलब्ध करवा रहे हैं। गांव के तीन पुरुष नर्स भी हैं, जो 24 घंटे लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों की हालत ज्यादा खराब हो जाती है उनको अस्पताल में भी भर्ती करवाया जा रहा है। गांव के अलावा बाजितपुर, दरियापुर, कुतुबगढ़ व हरियाणा के रोहतक, बहादुरगढ़ के कोरोना संक्रमितों को भी फोन पर सलाह दी जा रही है।

गांव से जुड़ा हर व्यक्ति कर रहा मदद

ग्रामीणों ने बताया कि गांव से जुड़ा हर व्यक्ति इस समय मदद के लिए आगे आ गया है। गांव के लोग जो विदेशों में रह रहे हैं। वह भी कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए पैसे भेज रहे हैं। इसके अलावा गांव के लोग मिलकर चंदा इक्टठा कर रहे हैं। उस पैसों से दवा, सैनिटाइजर आदि जरूरतमंदों को दिया जा रहा है।

आक्सीजन की नहीं होने दी जा रही कमी

डा राजेश, रविंद्र कुमार, ब्रिजेश ठाकरान, संजय अली, नवीन ठाकरान, रविजान, सुनिल, आकाश वर्मा, संदीप ठाकरान, होशियार सिंह, कपिल रोहिल्ला, करुण भारद्वाज, सुंदर आदि गांव के लोग इस समय कोरोना संक्रमितों की मदद कर रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि पांच लोगों की ड्यूटी आक्सीजन सिलेंडर की कमी न होने देने के लिए लगाई गई है। वह पांच-पांच घंटे लाइन में लगकर सिलेंडर भरवाते हैं। इस वजह से गांव के किसी भी मरीज को अभी तक आक्सीजन की कमी नहीं हुई है।


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