Move to Jagran APP

दिल्ली-एनसीआर के बच्चों को सांस की बीमारी और हृदय रोगों की तरफ धकेल रहा प्रदूषण

विशेषज्ञों ने दिल्ली में 14-17 साल की आयु वर्ग के 413 बच्चों का विस्तृत स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया है। टेरी के अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली की हवा में उच्च सांद्रता है जो राजधानी वासियों खासकर बच्चों को सांस की बीमारी और हृदय रोगों की तरफ धकेल रही है।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 08:41 AM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 11:01 AM (IST)
दिल्ली-एनसीआर के बच्चों को सांस की बीमारी और हृदय रोगों की तरफ धकेल रहा प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर के बच्चों को सांस की बीमारी और हृदय रोगों की तरफ धकेल रहा प्रदूषण

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही बच्चे लगातार घुटन महसूस करने लगते हैं और सर्दियों के दौरान ये समस्या बढ़ जाती है। अध्ययन में दावा किया गया है कि 75.4 फीसद ने सांस फूलने, 24.2 फीसद ने आंखों में खुजली, 22.3 फीसद ने नियमित रूप से छींकने या नाक बहने और 20.9 फीसद बच्चों ने सुबह खांसी की शिकायत की है।

loksabha election banner

हवा में जिंक व लेड की मात्रा बढ़ी

अध्ययन के तहत विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14-17 साल की आयु वर्ग के 413 बच्चों का विस्तृत स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया है। टेरी के अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली की हवा में उच्च सांद्रता है, जो राजधानी वासियों खासकर बच्चों को सांस की बीमारी और हृदय रोगों की तरफ धकेल रही है। ये अध्ययन भारत के छह शहरों दिल्ली, लुधियाना, पटियाला, पंचकुला, विशाखापत्तनम और जैसलमेर में वायु प्रदूषण के हालातों का पता लगाने के लिए किया गया है। अध्ययन में सामने आया है कि हवा में जिंक व लेड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। अध्ययन के तहत अक्टूबर 2019-2020 में वायु गुणवत्ता के स्तर का विश्लेषण किया गया है।

अध्ययन से पता चला है कि अक्टूबर 2019 में जब दिल्ली का प्रदूषण स्तर खराब होने लगा था तब शहर के पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले कण) में जिंक की सांद्रता 379 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (वायु के नैनोग्राम प्रति घन मीटर) थी। सितंबर- अक्टूबर 2020 में यह बढ़कर 615 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई। दिल्ली की हवा में लेड की मात्रा 2019 में 233 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी, जो 2020 में बढ़कर 406 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई। आर्सेनिक की मात्रा तीन माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बढ़कर 11 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और कैडमियम की मात्रा आठ माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से बढ़कर 21 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) हो गई। बताया जाता है कि इनमें से कुछ धातुएं मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद जहरीली थीं और इसके नियमित संपर्क से स्वास्थ्य पर बेहद ही खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।

पानी ज्यादा मात्रा में पिएं दिल्ली-एनसीआर के लोग

डा. अजय लेखी (पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन) का कहना है कि सर्दियों के समय में प्रदूषण और अधिक खतरनाक हो जाता है। इससे बचाव के लिए कोशिश करनी चाहिए कि कम से कम घर से बाहर निकलें। जब भी घर से बाहर निकलें तो एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें। कुछ लोगों ने कोरोना के मामले कम होने से लापरवाही शुरू कर दी है। मास्क न पहनकर लोग कोरोना के साथ ही प्रदूषण का भी खतरा मोल ले रहे हैं। बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए उन्हें बेवजह बाहर ले जाने से बचें। बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें। पानी ज्यादा पिएं और बच्चों को भी पिलाएं। साथ ही संतरा, मौसमी, कीवी, आलू बुखारा, काले अंगूर आदि रसदार फलों का अधिक सेवन करें। इन सभी उपायों को करने से शरीर पर पड़ने वाले प्रदूषण के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। प्रदूषण के असर को कम करने के लिए गुड़ खाना भी लाभदायक होता है। यह सर्दी के असर को भी कम करता है।

जाम व उद्योगों से निकलने वाले धुएं से बिगड़ रही है दिल्ली की हवा

हवा में कैडमियम और आर्सेनिक की मात्रा में वृद्धि से समय के साथ कैंसर, गुर्दे की समस्या व उच्च रक्तचाप, मधुमेह और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की हवा में धातुओं का प्राथमिक स्नोत ट्रैफिक जाम और पड़ोसी राज्यों में उद्योगों से निकलने वाला धुआं है। अध्ययन में यह भी सामने आया है कि सर्दियों के दौरान बच्चों में सुबह के समय त्वचा पर लाल चकत्ते निकलना, अस्थमा और खांसी के साथ कफ होने की शिकायत भी सबसे ज्यादा सामने आती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.