Delhi Metro के यात्रियों के साथ नहीं हो सकेगी डिजिटल ठगी, DMRC ने लोगों को दी राहत
Delhi Metro News डीएमआरसी ने अपने स्टेशनों पर मेट्रो का स्मार्ट कार्ड रिचार्ज करने के लिए नकदी लेना शुरू किया है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि भोले-भाले लोग शातिरों के झांसे में आने से बचेंगे।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पिछले कुछ महीनों से दिल्ली मेट्रो के यात्रियों के साथ डिजिटल ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। स्मार्ड कार्ड बनवाने से लेकर क्रेडिट कार्ड दिलाने का झांसा देकर मेट्रो यात्रियों से ठगी की जा रही है। अब तक दर्जनभर से अधिक से अधिक इन शातिरों के झांसे में आकर पैसे गंवा चुके हैं। ऐसे में दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) ने अपने यात्रियों को डिजिटल ठगी से बचाने के लिए लेन-देन में फिर से कैश भी लेना शुरू कर दिया है। ऐसे में डीएमआरसी का कहना है कि ठगी के मामलों में तेजी से कमी आएगी। बता दें कि मेट्रो का स्मार्ट कार्ड बनाने के साथ रिचार्ज कराने और मेट्रो से जुड़े अन्य ऑनलाइन कामों के लिए भी डिजिटल ठगी के मामलों में इजाफा होने लगा है। ऐसे में डीएमआरसी ने अपने स्टेशनों पर मेट्रो का कार्ड रिचार्ज करने के लिए नकदी लेना शुरू किया है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि भोले-भाले लोग शातिरों के झांसे में आने से बचेंगे।
'जीजाजी' की जलवा बताकर ठग लिए थे हजारों
पिछले महीने दिल्ली मेट्रो में ठगी का हैरान करने वाला मामला सामने आया था। दरअसल, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर मिले शातिर बदमाशों ने एक मेट्रो यात्री से कहा कि बिहार जाने में हम तुम्हारी मदद करेंगे। इसके बाद उन्होंने बाद उन्होंने यह भी कि उनके जीजाजी रेलवे में हैं और ट्रेन की टिकट मिल जाएगी। इसके बाद उनसे हजारों रुपये ले लिए। दरअसल, दिल्ली पुलिस की मेट्रो इकाई ने बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले अनिल कुमार दास और यूपी के हापुड़ के रहने वाले जाहिद नाम के 2 ठगों को गिरफ्तार किया था। ये शातिर लोगों को विश्वास में लेते हुए कहते थे- ''हमारे जीजा जी रेलवे में टीटीई हैं, हम तुम्हें ट्रेन में सीट दिलाकर अपने साथ आराम से ले जाएंगे, हमें भी बिहार जाना है।' इसके बाद कुल पाचों शातिर बदमाशों ने शिकायतकर्ता का एक ट्रॉली बैग, एक मोबाइल फोन, एक शोल्डर बैग, 6,000 रुपये नकदी, एक एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड की कॉपी लेकर भागने की कोशिश की, लेकिन उसके चीखने-चिल्लाने पर सभी गिरफ्त में आ गए।
ऐसे करते हैं ठगी
- शातिर किस्म के लोग भोले-भाले लोगों से कहते हैं कि हम ऑनलाइन का सारा काम करवा देंगे। इसके बाद मेट्रो उपभोक्ता का पिन आदि मांगकर पैसे निकाल लेते हैं।
- कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि बातों-बातों में वे मेट्रो ट्रेन उपभोक्ता का नंबर ले लेते हैं और उसके पीटीएम से पैसे निकालकर खुद के पीटीएम में ट्रांसफर कर लेते हैं।
- ज्यादातर मामलों में मेट्रो के स्मार्ट कार्ड को रिचार्ज का झांसा लेते हैं और फिर पैसे उड़ा लेते हैं।
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