Kisan Andolan: गजब बयान पर राकेश टिकैत की अजब सफाई, कुछ इस अंदाज में UN वाले बयान पर लिया यू टर्न
Kisan Andolan अपने अजब-गजब बयानों के लिए चर्चित राकेश टिकैत ने पहले तो 26 जनवरी की घटना को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की बात कही और विवाद बढ़ने पर अपनी सफाई भी पेश कर डाली। कहा कि हमने कब कहा कि हम मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाएंगे।
नई दिल्ली/गाजियाबाद ऑनलाइन डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर यूपी बॉर्डर पर जारी धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एक बार फिर विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। अपने अजब-गजब बयानों के लिए चर्चित राकेश टिकैत ने पहले तो 26 जनवरी की घटना को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की बात कही और विवाद बढ़ने पर अब उस पर अपनी सफाई भी पेश कर डाली। कहा कि हमने कब कहा कि हम मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाएंगे।
पिछले दिनों 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मुद्दे पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि क्या कोई एजेंसी है जो निष्पक्ष जांच कर सकती है। यदि नहीं तो हमें इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहिए। वहीं, अब राकेश टिकैत संयुक्त राष्ट्र जाने की बात से पलट गए हैं। राकेश टिकैत ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा कि उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर ऐसा नहीं कहा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के मुताबिक, हमने कहा था कि 26 जनवरी की घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम यूएन में जाएं?। उन्होंने आगे का कि भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं।
आखिर क्यों हुआ विवाद
दरअसल, पिछले दिनों राकेश टिकैत ने कहा था कि गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए। इस दौरान कटाक्ष के अंदाज में यह कहा दिया कि अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम संयुक्त राष्ट्र में जाएं?। इस दौरान राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि कि केंद्र सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं।
यह है राकेश टिकैत का पूरा बयान
'हम संयुक्त राष्ट्र में कृषि बिलों का मुद्दा उठाएंगे। हमने 26 जनवरी की घटना पर एक प्रश्न का उत्तर दिया था कि, क्या यहां ऐसी कोई एजेंसी है जो निष्पक्ष जांच कर सकती है? नहीं तो क्या हम इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाएं।'
संसद भवन के पास होगा किसान का धरना
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करवाने तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 22 जुलाई से 200 लोग संसद भवन के पास धरना देंगे। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। इसी दौरान हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे।
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिले बातचीत के प्रस्ताव पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों पर अगले दौर की बातचीत सितंबर में ही हो पाएगी, चूंकि केंद्र सरकार ऐसा नहीं चाहती।
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