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School Reopen in Delhi: स्कूलों को मानदंड के अनुरूप चलना होगा, क्लास में ही हो लंच की इजाजत

School Reopen in Delhi Guidelines स्कूलों को अब बदले मानदंडों के अनुरूप ही चलना होगा। फिलहाल कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के लिए ही स्कूल खुले हैं। कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक एक कक्षा में मात्र 12-15 छात्रों को ही बैठने की अनुमति है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 01:34 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 04:52 PM (IST)
School Reopen in Delhi: स्कूलों को मानदंड के अनुरूप चलना होगा, क्लास में ही हो लंच की इजाजत
कक्षा में ही हो लंच की इजाजत

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण 19 मार्च, 2020 को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया। तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि शिक्षण संस्थानों में छात्रों की वापसी के लिए 11 महीने का लंबा इंतजार करना होगा। परिस्थितियां थोड़ी अनुकूल हुई हैं तो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10वीं और12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा कर दी है। स्कूल भी खुल गए हैं। साथ ही दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया की तारीखें भी घोषित कर दी हैं।

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हालांकि स्कूलों को अब बदले मानदंडों के अनुरूप ही चलना होगा। फिलहाल कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के लिए ही स्कूल खुले हैं। कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक एक कक्षा में मात्र 12-15 छात्रों को ही बैठने की अनुमति है। एक्शन कमेटी आफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल संस्था ने बीते साल जुलाई-अगस्त में इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिया था।

इसमें सभी दिशा निर्देशों को जारी करने से पहले छात्रों की सुरक्षा से संबंधित पहलुओं को ध्यान में रखकर विचार विमर्श भी किया गया। दरअसल सुरक्षा का मतलब केवल कोरोना से बचाव मात्र ही नहीं है, इसमें शारीरिक और भावनात्मक सुरक्षा के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना आवश्यक है। बच्चे लंबे अंतराल से अपने मित्रों, अध्यापकों और विद्यालय से दूर हैं।

इसके अलावा वे सीखने, पढ़ने और समझने की समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। छात्रों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में कमेटियों का गठन होना आवश्यक है। इन कमेटियों का काम बच्चों की समस्याओं की निगरानी और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना हो।

कक्षा में ही हो लंच की इजाजत

अक्सर लंच में बच्चे सहपाठियों के साथ ही खाना खाते हैं। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है कि छात्रों को कक्षा में ही बैठकर लंच करने की अनुमति दी जाए। फिलहाल प्रार्थना सभा और अन्य शारीरिक गतिविधियों को प्रतिबंधित रखना ही उचित होगा। कोविड नियमों का सही से पालन हो इसके लिए शिक्षक से लेकर अन्य कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षिण देने की आवश्यकता है। बच्चे मानसिक तौर पर खुद को स्कूल आने में सुरक्षित महसूस कर सकें इसके लिए काउंसलर या सलाहकार अध्यापक का होना भी जरूरी है।

स्कूलों में शारीरिक दूरी है बेहद जरूरी

  • स्कूलों में हर स्थान पर प्रतिदिन सैनिटाइजेशन और शौचालयों में नियमित तौर पर साफ-सफाई की व्यवस्था बेहद जरूरी है।
  • मास्क के साथ हो प्रवेश।
  • छात्र स्कूलों में शारीरिक दूरी के नियमों का अच्छी तरह से पालन करें।
  • हर स्कूल के मुख्य द्वार पर गोल घेरे बनाए जाएं
  • स्कूल के मुख्य द्वार पर ही सैनिटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग मशीन लगी होनी चाहिए।
  • छात्रों को छोटे-छोटे समूह में प्रवेश दिया जाए।
  • कक्षा में हर छात्र के बीच छह फीट की दूरी जरूरी है।
  • स्कूल में एक उपचार कक्ष भी होना चाहिए।

(संवाददाता रीतिका मिश्रा की एक्शन कमेटी आफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल के महासचिव भरत अरोड़ा से बातचीत पर आधारित)


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