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Burari Death Case: 11 मौतों को लेकर बड़ा खुलासा, चल गया पता किसने लिखे थे वो 13 रजिस्टर

अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हैंड राइटिंग एक्सपर्ट ने खुलासा किया है कि मौके पर मिले रजिस्टर में लिखी गई बातें परिजनों की हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 09:22 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 08:02 PM (IST)
Burari Death Case: 11 मौतों को लेकर बड़ा खुलासा, चल गया पता किसने लिखे थे वो 13 रजिस्टर
Burari Death Case: 11 मौतों को लेकर बड़ा खुलासा, चल गया पता किसने लिखे थे वो 13 रजिस्टर

नई दिल्ली, जेएनएन। देश के साथ दुनियाभर को झकझोर देने वाले बुराड़ी सामूहिक फांसीकांड (delhis burari death case) में एक साल बाद हैंड राइटिंग एक्सपर्ट (Hand Writing Expert) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 11 लोगों की सामूहिक आत्महत्या मामले में मौके से जो रजिस्टर प्राप्त हुए थे, वह चूड़ावत परिवार ने ही लिखे थे। इतना ही नहीं, यह भी पता चला है कि ज्यादातर रजिस्टर परिवार के ही 2 बच्चों ने लिखे थे। वैसे ललित अपनी बातें बोलकर प्रियंका से रजिस्टर में लिखवाता था।

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गौरतलब है कि 30 जून-एक जुलाई, 2018 की रात चूड़ावत परिवार के 11 सदस्यों ने  आत्महत्या कर ली थी। जांच में यह पता चला है कि परिवार के 11 लोगों ने आस्था के नाम पर एक साथ आत्महत्या की थी। बुराड़ी पुलिस ने शुरुआत में यह मामला आईपीसी की धारा 302 (हत्या) में दर्ज किया था।

मोबाइल फोन रिकॉर्ड का इंतजार कर रही है पुलिस

परिवार द्वारा संदेह जताए जाने के बाद मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (Dehi police crime branch) को सौंप दी गई थी। शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौके से करीब 13 रजिस्टर मिले थे। अब हैंड राइटिंग एक्सपर्ट ने खुलासा किया है कि मौके पर मिले रजिस्टर में लिखी गई बातें परिजनों की हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को मिली हैंडराइटिंग की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस अब इस मामले में चूड़ावत परिवार के लोगों के मोबाइलों की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

 

दो बच्चों ने लिखे थे रजिस्टर
पुलिस के मुताबिक, परिवार के लोगों की हैंडराइटिंग और रजिस्टर को मिलान के लिए भेजा था। इसमें किसी तरह का कोई संदेह नहीं रहे इसलिए अपराध शाखा ने सभी 11 परिजनों की हैंडराइटिंग के सैंपल भेजे थे। अपराध शाखा को एफएसएल, रोहिणी से पिछले सप्ताह मिली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रजिस्टर परिवार के सात सदस्यों ने लिखे थे। रिपोर्ट से पता लगा कि ज्यादातर रजिस्टर दो बच्चों ने लिखे थे।पुलिस अब मोबाइल फोन की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इसमें इसका पता चलेगा कि आत्महत्या से पहले किस-किस करीबी से संपर्क साधा गया था। 

पुलिस बंद करेगी हत्या का केस

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो परिजनों के कहने पर 11 लोगों की आत्महत्या के मामले में धारा-302 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अब आत्महत्या की पुष्टि होने के बाद यह धारा हटा दी जाएगी।

इन 11 लोगों ने अनजाने-अनचाहे की थी आत्महत्या
बुराड़ी आत्महत्या मामले में 11 लोगों ने आत्महत्या की थी। मृतकों की पहचान नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) के रूप में हुई है। भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत मिले थे। इनमें प्रियंका की जून महीने ही सगाई हुई थी और दिसंबर, 2018 में उसकी शादी होनी थी।

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एक जुलाई 2018 की वह खौफनाक सुबह
एक जुलाई, 2018 की सुबह करीब 5:30 बजे भुवनेश के किराने की बंद दुकान के आगे दूध के पैकेट से भरे क्रेट को वाहन चालक रख चला जाता है। आम तौर पर यह दुकान सुबह 5 बजे खुल जाया करती थीं। ऐसे में बंद दुकान को देखकर वाहन चालक को भी अटपटा लगता है। वह करीब 6:30 बजे जब वापस दूध के पैसे लेने के लिए दुकान पर आता है, तो दुकान बंद ही मिलती है। ऐसे में वह क्रेट लेकर चला जाता है। इस बीच 7 बज चुके होते हैं, लेकिन जब दुकान नहीं खुलती है, तो पड़ोसी गुरचरन सिंह अपने एक पड़ोसी कुलदीप के साथ भुवनेश को आवाज लगाते हुए पहली मंजिल तक पहुंच जाते हैं। दोनों को दरवाजा खुला मिलता है। ऐसे में दरवाजे को हल्का धक्का देकर अंदर कमरे के अंदर दाखिल होते ही उनके पैरों तलों की जमीन खिसक जाती है। एक कमरे में नारायणी देवी की बेटी प्रतिभा, बेटे भुवनेश व ललित, दोनों भाइयों की पत्नी सविता व टीना, उनके बच्चे मीनू, निधि, धुव्र, शिवम व प्रतिभा की बेटी प्रियंका कुल 10 लोग फंदे से झुल रहे होते हैं, उनकी आंखों पर पट्टी बंधी होती है, तो दूसरे कमरे में परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी फर्श पर पड़ी मिलती हैं। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी जाती है और कुछ ही घंटों में संत नगर की गली नंबर दो में लोगों का हुजूम जमा हो जाता है।

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