उत्तराखंड के भाई-बहन की दिल्ली के अस्पताल में हुई दुर्लभ और जटिल सर्जरी
दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी में इलाज के लिए पहुंचे भाई-बहन की सफल सर्जरी की गई। डाक्टरों ने रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल करके सफलतापूर्वक ट्यूमर को निकाला और एड्रिनल ग्लैन्ड को बचा लिया गया।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। देश की राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल में भाई और बहन में दुर्लभ और जटिल सर्जरी की गई। दोनों में शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग एड्रिनल ग्लैन्ड (Adrenal Gland) में तीन बड़े ट्यूमर थे, जिन्हें निकालकर डाक्टरों ने बड़ी सफलता हासिल की। दरअसल, एड्रिनल ग्लैन्ड को बचाते हुए ट्यूमर को निकालना डाक्टरों के लिए बड़ी चुनौती था, लेकिन इसमें सफलता मिली। भाई का मनन और बहना का नाम दिशा है, फिलहाल दोनों स्वस्थ है।
यह जटिल आपरेशन दिल्ली के चर्चित गंगाराम अस्पताल में किया गया। डाक्टरों के मुताबिक, एड्रिनल ग्लैन्ड शरीर में स्टेरॉयड (Steroids) का निर्माण करते हैं और रक्त-चाप को स्थिर रखते हैं। ऐसे में ट्यूटर की स्थिति में रिश्ते में मरीज भाई-बहन का स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
लेफ्ट एड्रिनल ट्यूमर (left adrenal tumor) को हटाने के लिए सबसे पहले भाई मनन को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (laparoscopic surgery) के लिए ले जाया गया। सर्जरी में 2 घंटे लग गए और 50 मिली खून की क्षति के साथ उसके ट्यूमर को हटा दिया गया। इसके साथ ही सामान्य एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal Gland) को भी बचा लिया गया।
सर्जरी के दौरान डाक्टरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी आपरेशन के दौरान ब्लड प्रेशर एवं हृदय गति में उतार-चढ़ाव को सामान्य रखते हुए आपरेशन करना, लेकिन डाक्टरों ने इसमें भी सफलता हासिल कर दी।
अल्मोड़ा के रहने वाले हैं भाई-बहन
अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के रहने वाले भाई मनन और बहन दिशा 200/120 मिमी एचजी (mm Hg) के हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के साथ-साथ मस्तिष्क में दौरे और विभिन्न कठिनाइयों के इलाज के लिए दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी में पहुंचे।
भाई-बहन में पाए गए ट्यूमर
स्वास्थ्य की जांच के दौरान 8 वर्षीय मनन जोशी को लेफ्ट एड्रिनल ग्लैन्ड (Left Adrenal Gland) में 4.5 सेमी के आकार का एक बड़ा ट्यूमर पाया गया। डाक्टरों का उस समय और हैरानी हुई जब उसकी 15 वर्षीय बहन दिशा में भी दो ट्यूमर पाए गए। दिशा में बड़ा ट्यूमर राइट एड्रिनल ग्लैन्ड (Right Adrenal Gland) में 5.5 सेमी और दूसरा ट्यूमर लेफ्ट एड्रिनल ग्लैन्ड (Left Adrenal Gland) में 2.5 सेमी पाया गया।
डा. अश्विन माल्या (यूरोलाजिस्ट और रोबोटिक सर्जन, डिपार्टमेंट आफ यूरोलाजी) ने बताया कि यह जटिल आपरेशन करने से पहले हमारी शुरुआती चुनौती भाई-बहनों के हाई ब्लड प्रेशर को स्थिर करना था। इसके लिए ट्यूमर को हटाने और एड्रिनल ग्लैन्ड (Adrenal Gland) के सामान्य हिस्से को बचाने की योजना बनाई गई।
इसके पीछे वजह यह है कि एड्रेनल ग्लैंड्स (Adrenal Glands) हमारे शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं और क्योंकि वे स्टेरॉयड (Steroids) का उत्पादन करते हैं। इसके साथ ही ये ब्लड प्रेशर को भी सामान्य बनाए रखते हैं। ऐसे में 'मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (minimally invasive surgery)’ का उपयोग करके 'की-होल सर्जरी (Key Hole Surgery)' के जरिये इसे ठीक किया गया।
डा. अजय शर्मा (चेयरपर्सन, यूरोलाजिस्ट एण्ड रोबोटिक सर्जन) का कहना है कि ट्यूमर का एड्रेनल ग्लैंड (Adrenal Gland) में अति कठिन जगह में मौजूद होने के कारण उसे आपरेट करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। ये ग्लैंड्स छोटे और त्रिकोणीय आकार के थे जो दोनों किड़नी (गुर्दों) के ऊपर स्थित होते हैं।
सर्जरी की कड़ी में सबसे पहले बहन दिशा का रोबोटिक तकनीक (Robotic Technology) के जरिये आपरेशन किया गया। उसकी 'राइट एड्रिनल ग्लैन्ड (Right Adrenal Gland)' में स्थित 5.5 सेमी वाले ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया गया। वहीं, ‘लेफ्ट एड्रिनल ग्लैन्ड (Left Adrenal Gland)’ में स्थित 2.5 सेमी वाले ट्यूमर को सामान्य ग्लैन्ड से अधिक से अधिक हटा दिया गया। उसकी सर्जरी में 3.5 घंटे लगे। दिशा का भी एड्रिनल ग्लैन्ड (Adrenal Gland) का अधिकतम हिस्सा बचाने में डाक्टर सफल रहे।
डा. सचिन कथूरिया (कंसल्टेंट यूरोलाजिस्ट) के अनुसार यूरोलोजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट, पीडियाट्रिक कार्डियोलाजी, न्यूरोलाजी और एंडोक्रिनोलॉजी की संयुक्त टीम के कारण इन दुर्लभ और जटिल बीमारी की सर्जरी को अंजाम दिया। दोनों भाई-बहन अब ठीक हो गए हैं और सर्जरी के 2 सप्ताह के अंदर स्कूली शिक्षा शुरू कर दी है।