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दिल्ली की ऐतिहासिक रामलीलाओं के मंचन पर संकट के बादल, लवकुश रामलीला ने पीछे खींचे हाथ

रामलीला आयोजन की उम्मीदें भले ही धूमिल हुई है। पर आयोजन समितियां रामभक्तों को मायूस नहीं करना चाहती। इसलिए पिछले वर्ष की रामलीला का प्रसारण करने के साथ ही इस वर्ष रामलीला के कुछ प्रसंग की शूटिंग की जा रही है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 09:35 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 09:35 PM (IST)
दिल्ली की ऐतिहासिक रामलीलाओं के मंचन पर संकट के बादल, लवकुश रामलीला ने पीछे खींचे हाथ
दिल्ली की ऐतिहासिक रामलीलाओं के इस वर्ष मंचन पर संकटों के बादल मंडरा रहे हैं।

नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। दिल्ली की ऐतिहासिक रामलीलाओं के इस वर्ष मंचन पर संकटों के बादल मंडरा रहे हैं। चंद दिन शेष हैं, पर अभी तक इसे लेकर सरकार की तरह से दिशानिर्देश जारी नहीं हुए हैं। हालांकि, समितियों ने कई दिन पहले से आयोजन की तैयारियां इस आधार पर प्रारंभ कर दी थी कि समय रहते सरकार आयोजन की मंजूरी दे देगी। इस उम्मीद पर आयोजन स्थल की बुकिंग के साथ अन्य जरूरी मंजूरी के लिए आवेदन कर दिए गए थे। वेशभूषा और संगीत तैयार करने के साथ कलाकारों का अभ्यास भी होने लगा था। इसके साथ ही केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर मंजूरी की अपील भी कर रहे थे। यहां तक की दिल्ली भाजपा के पदाधिकारी भी रामलीला का आयोजन कराने को लेकर सक्रिय हैं। पर राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमण के फैलाव की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकारें फैसला लेने में ठिठकी हुई हैं। सरकार के रुख से अब आयोजन समितियां भी अब अपने कदम वापस खींचने लगे हैं।

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सोमवार को लालकिला परिसर में हर वर्ष रामलीला मंचन कराने वाली लवकुश रामलीला समिति ने अपनी तैयारियों को बीच में रोकते हुए कहा कि अब वह इस वर्ष आयोजन नहीं करेगी। समिति के प्रधान अशोक अग्रवाल ने कहा कि चंद दिन ही बचे हैं। इसमें मंच तैयार करने के साथ उपकरण लगाना संभव नहीं हो सकेगा। इसलिए दुखी मन से समिति पदाधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि वैसे तो रामलीला के आयोजन में तकरीबन आठ माह लगते हैं। तो भी कोरोना को देखते हुए समिति ने अलग-अलग स्थानों पर तैयारियां प्रारंभ करा दी थी। पर दूसरे स्थान से सामान लाकर यहां जोड़कर मंच तैयार करने में कम से कम 20 दिन लगेंगे। इसलिए यह फैसला लेना पड़ा। इस रामलीला की विशेषता यह कि इसमें फिल्मी जगत के प्रसिद्ध अभिनेता व बड़े राजनेता अभिनय करते हैं।

लालकिला में ही दो अन्य रामलीलाएं

श्री धार्मिक व नव श्री के आयोजन की भी उम्मीद कम ही है। श्री धार्मिक के अध्यक्ष धीरजधर गुप्ता ने कहा कि अभी तक रामलीला आयोजन को लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं आए हैं। हम लोग चाहते थे कि छोटे स्तर पर आयोजन कराकर परंपरा को बरकरार रखा जाएं। पर सरकारों के रुख से नहीं लगता कि यह संभव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि अभी उनकी समिति द्वारा आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अभी भी हम सरकार की तरफ देख रहे हैं।

नवश्री रामलीला समिति के प्रकाश बराठी ने कहा कि उनकी समिति भी कम से कम छोटे स्तर पर ही मंचन कराना चाहती थी। उसमें कोरोना से बचाव के सारे एहतियात भी पालन करते। पर सरकार का रुख अब तक स्पष्ट नहीं है। इस कारण अब आयोजन को लेकर उम्मीद काफी कम है।

हो रही रामलीला की शूटिंग, टीवी और सोशल मीडिया पर होगा प्रसारण

रामलीला आयोजन की उम्मीदें भले ही धूमिल हुई है। पर आयोजन समितियां रामभक्तों को मायूस नहीं करना चाहती। इसलिए पिछले वर्ष की रामलीला का प्रसारण करने के साथ ही इस वर्ष रामलीला के कुछ प्रसंग की शूटिंग की जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कलाकार शूटिंग करा रहे हैं। प्रकाश बराठी ने बताया कि सोमवार से ही शुटिंग शुरू हुई है और इसमें उन्हीं कलाकारों को रखा गया है जो पिछले वर्ष भी अभिनय किया गया था। कोशिश है कि पिछले साल की रामलीला और इस वर्ष की शूटिंग को मिलाकर यूट्यूब व फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के साथ किसी धार्मिक चैनल पर भी इसका रामलीला मंचन के दिनों नवरात्र में नियमित प्रसारण किया जाएं। इसके लिए कुछ टीवी चैनलों से बातचीत चल रही है। लवकुश के अशोक अग्रवाल ने बताया कि इस तरह का प्रयास उनका भी है। पिछले वर्ष की रिकार्डिंग सुरक्षित है। उसी का प्रसारण किया जाएगा।

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