राकेश टिकैत ने फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया, बोले देश में किसानों की मर्जी के बगैर नहीं होगा कोई फैसला, पढ़िये और क्या कहा
अब राकेश टिकैत एमएसपी की गारंटी और कुछ अन्य मांगों के लिए भी केंद्र सरकार से समय-समय पर मांग करते रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने एक पंचायत के दौरान ये भी कहा कि किसान एक साल के आंदोलन के बाद अब आराम कर रहे हैं।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि हम नहीं चाहते देश का प्रधानमंत्री माफी मांगे। हम उनकी प्रतिष्ठा विदेश में खराब नहीं करना चाहते। कोई फ़ैसला होगा तो बगैर किसानों की मर्ज़ी के भारत में फ़ैसला नहीं होगा। हमने ईमानदारी से खेत में हल चलाया लेकिन दिल्ली की कलम ने भाव देने में बेईमानी की ।
हम नहीं चाहते देश का प्रधानमंत्री माफी मांगे। हम उनकी प्रतिष्ठा विदेश में खराब नहीं करना चाहते। कोई फ़ैसला होगा तो बगैर किसानों की मर्ज़ी के भारत में फ़ैसला नहीं होगा। हमने ईमानदारी से खेत में हल चलाया लेकिन दिल्ली की कलम ने भाव देने में बेईमानी की ।#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) December 26, 2021
दरअसल एक साल से अधिक समय तक चले किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद अब राकेश टिकैत एमएसपी की गारंटी और कुछ अन्य मांगों के लिए भी केंद्र सरकार से समय-समय पर मांग करते रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने एक पंचायत के दौरान ये भी कहा कि किसान एक साल के आंदोलन के बाद अब आराम कर रहे हैं यदि सरकार ने उनकी बकाया मांगों पर जल्द विचार नहीं किया तो उनके ट्रैक्टर भी तैयार है और उनके मुंह भी दिल्ली की तरफ ही है। जल्द ही वो नए सिरे से आंदोलन की रणनीति बनाएंगे और बाकी बची मांगों के लिए प्रदर्शन करेंगे।
इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के एक बयान को लेकर भी उन्होंने अपना पक्ष रखा था। कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर के बयान को लेकर भ्रम फैलाया गया था कि सरकार फिर से कृषि कानून ला सकती है। इस पर तमाम किसान संगठनों ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि हम एक कदम पीछे हटे हैं, फिर आगे बढ़ेंगे, नागपुर में कृषि मंत्री का यह बयान देशभर के किसानों के साथ छल वाला और देश के प्रधानमंत्री को भी नीचा दिखाने वाला है। भाकियू ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान की घोर निंदा करती है। स्मरण रहे किसानों के लिए दिल्ली दूर नहीं।
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