UP: नमाजियों की संख्या हजारों में होने से बढ़ गई थी प्रशासन की टेंशन, लिया अहम फैसला
सेक्टर-58 के बी-ब्लॉक स्थित पार्क में होने वाली साप्ताहिक धार्मिक गतिविधि को समय रहते नहीं रोका जाता तो तनाव बढ़ सकता था।
नोएडा, जेएनएन। दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-58 के बी-ब्लॉक स्थित पार्क में होने वाली साप्ताहिक धार्मिक गतिविधि को समय रहते नहीं रोका जाता तो तनाव बढ़ सकता था। पुलिस जांच से पता चला है कि पहले इसमें काफी कम लोग शामिल होते थे और कभी विरोध नहीं हुआ। पिछले दिनों अचानक संख्या बढ़ कर हजारों में हो गई और लाउडस्पीकर का प्रयोग होने से स्थानीय लोग परेशान होने लगे। विवाद से बचने के लिए उस दौरान लोग पार्क में नहीं जाते थे। पुलिस का कहना है कि कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते थे।
वहीं सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार किसी सार्वजनिक स्थल पर प्रशासन की अनुमति के बिना कोई धार्मिक गतिविधि नहीं की जा सकती है। इसी के मद्देनजर इस धार्मिक गतिविधि पर रोक लगाई गई है। दरअसल, सेक्टर 58, 62, 63 में कंपनियों में हजारों की संख्या में विशेष समुदाय के लोग नौकरी करते हैं।
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, उन्हें सप्ताह में एक दिन कार्यक्रम में अवश्य शामिल होना होता है। इसके लिए विशेष स्थान भी है। मुफ्ती नोमान अख्तर का कहना है कि उन्हें कंपनी से नमाज पढ़ने के लिए एक घंटे का समय मिलता है। विशेष स्थान दूर होने के कारण लौटने में देर हो जाती थी, इसलिए उन्होंने फरवरी 2013 पहली बार यहां पर धार्मिक गतिविधि आयोजित की थी।
उन्होंने माना कि पहले कार्यक्रम में शामिल होने वालों की संख्या काफी कम थी, जो बाद में बढ़ती गई। सात दिसंबर को पहली बार किसी ने विरोध करते हुए पुलिस से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगा दी।
पुलिस के नोटिस में यह है जिक्र
23 कंपनियों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर प्राधिकरण के पार्क में धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होने की जानकारी दी गई। मालूम हो कि इंस्पेक्टर ने नोटिस में कहा है कि वह लोग अपने उन कर्मचारियों को अवगत कराएं कि बिना अनुमति के धार्मिक कार्यक्रम के लिए पार्क में नहीं जाएं। अगर आपकी कंपनी के कर्मचारी आते हैं तो माना जाएगा कि कर्मचारियों को अवगत नहीं कराया गया है। यह पूरी तरीके से कंपनी की जिम्मेदारी होगी।
डीएम और एसएसपी ने रखा कानूनी पक्ष
जिलाधिकारी बीएन ¨सह ने कहा कि पिछले दिनों उस धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति के लिए आवेदन किया गया है। उसमें सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर हैं। सुप्रीम कोर्ट के 2009 के आदेश के अनुसार, सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक कार्यक्रम के लिए डीएम से अनुमति लेना आवश्यक है। उस आदेश का पालन होगा। उनका मानना है कि संबंधित पुलिस अधिकारी ने अपने दायित्वों का निर्वहन किया होगा। अनुमति के कई चरण होते हैं। पार्क नोएडा प्राधिकरण का है, तो पहले उनकी एनओसी जरूरी है। मेरे संज्ञान में आया है कि प्राधिकरण की भी उस पर कोई एनओसी नहीं है। उसके बाद कानून व्यवस्था की दृष्टि से देखा जाएगा। एसएसपी ने पुलिस की तरफ से भेजे गए नोटिस को सिर्फ सूचना बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य है कि कंपनी प्रबंधन अपने कर्मचारियों को बता सकें कि पार्क में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं है।