पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर जारी, दिल्ली-एनसीआर में आंधी चलने के आसार
रिकॉर्डतोड़ गर्मी के बीच बुधवार को राहत की फुहारें पड़ने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर बढ़ता ही जा रहा है, हालात इस हद तक खराब हो चुके हैं कि चढ़ते पारे और लू ने लोगों का घर से निकलना मुहाल कर रखा है।वहीं, रिकॉर्डतोड़ गर्मी के बीच बुधवार को राहत की फुहारें पड़ने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। आंधी चलने और गरज के साथ छींटे पड़ने के भी आसार हैं। मंगलवार रात में अचानक दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाएं चलीं और सुबह भी हवाओँ के चलते सिलसिला जारी रहा। वहीं, दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में बादल छाए हैं, लेकिन उमस बरकरार है।
मौसम विभाग के अनुसार, राहत का यह दौर अगले कई दिन बना रहेगा। इससे तापमान में भी गिरावट आएगी।उमस भरी गर्मी से मंगलवार को भी लोग परेशान दिखे। तेज धूप के साथ लू ने भी दिल्लीवासियों की हालत खराब किए रखी। दिन चढ़ने के साथ-साथ घर या दफ्तर से बाहर निकलना दुश्वार सा हो गया था।
पालम क्षेत्र में अधिकतम तापमान 46.5 व न्यूनतम तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक 44.4 और न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री कम 25.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
नमी का स्तर अधिकतम 55 और न्यूनतम 13 फीसद रिकार्ड किया गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। पंजाब के आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बन रहा है। इससे मंगलवार को मौसम के करवट लेने की संभावना है। इस दौरान गरज वाले बादल बनने, आंधी चलने और बूंदाबांदी होने के भी आसार हैं। राहत भरा यह दौर भी अगले तीन दिन तक बना रहेगा।
मई में टूटा बिजली की मांग का रिकार्ड
गर्मी के साथ ही बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। सोमवार मध्य रात्रि और मंगलवार दोपहर बिजली की मांग 62 सौ मेगावाट से ऊपर चली गई। मई में यह अब तक इतनी मांग कभी नहीं गई थी। यदि मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में बिजली की मांग के सारे रिकार्ड टूटने की संभावना जताई जा रही है। सोमवार को रात 11.21 बजे अधिकतम मांग 6209 मेगावाट दर्ज हुई थी, जो मंगलवार को शाम पौने चार बजे 6221 मेगावाट पहुंच गई। अब तक मई में सबसे ज्यादा मांग 20 मई, 2016 को 6188 मेगावाट दर्ज हुई थी। वहीं, पिछले वर्ष 16 मई को 6021 मेगावाट तक मांग पहुंची थी। अधिकतम मांग बढ़ने के साथ न्यूनतम मांग में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले दो दिनों से न्यूनतम मांग 41 सौ मेगावाट से ऊपर रह रही है। मांग बढ़ने की वजह से बिजली के उपकरण खराब होने और बिजली कटौती की शिकायतें भी बढ़ने लगी हैं। रात के समय कई इलाके में बिजली गुल हो रही है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है। यदि मौसम ऐसा ही बना रहा तो आने वाले दिनों में यह परेशानी और बढ़ेगी।