Indian Railway News: जूस स्टॉल पर नहीं बेच सकते हैं रेल नीर, रेलवे के फरमान के बाद यात्रियों को करना होगा ये काम
Indian Railway News रेलवे अधिकारियों के फरमान की वजह से बोतल बंद पानी रेल नीर खरीदने के लिए उन्हें किसी और स्टॉल पर जाना होगा। दुकानदारों को यह समझ नहीं आ रही है कि अधिकारी रेल नीर को पैक्ड आइटम क्यों नहीं मान रहे हैं?
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। Indian Railway News: कोरोना संकट के दौरान देश की सभी रेलवे स्टेशनों पर ताजे फलों व जूस की दुकानों पर खाने-पीने (पैक्ड फूड) बेचने की अनुमति दी गई है। इससे यात्रियों को खाने-पीने के सामान खरीदने में आसानी होगी, लेकिन रेलवे अधिकारियों के फरमान की वजह से बोतल बंद पानी रेल नीर खरीदने के लिए उन्हें किसी और स्टॉल पर जाना होगा। दुकानदारों को यह समझ नहीं आ रही है कि अधिकारी रेल नीर को पैक्ड आइटम क्यों नहीं मान रहे हैं?
दिल्ली मंडल ने सभी स्टॉल मालिकों को भेजा पत्र
गौरतलब है कि इन दिनों नियमित ट्रेनों का परिचालन बंद है और सिर्फ विशेष ट्रेनों का ही संचालन किया जा रहा है। इस स्थिति में रेलवे स्टेशनों पर खाने-पीने का सामान बेचने वालों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। उनकी परेशानी और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर रेलवे बोर्ड ने अगस्त में ताजे फल व जूस के स्टॉल पर खाने-पीने के सामान बेचने की अनुमति दी थी। इसकी एवज में उन्हें ज्यादा लाइसेंस शुल्क देना होगा। इस संबंध में दिल्ली मंडल ने भी सभी स्टॉल मालिकों को पत्र भेजा था, लेकिन उसमें रेल नीर बेचने पर मनाही है।
बड़ा सवाल, रेल नीर को पैक्ड आइटम माना जाए या नहीं?
दिल्ली मंडल के अधिकारियों के फरमान पर स्टॉल अधिकारियों ने आपत्ति जताई तो यह मामला उत्तर रेलवे को भेजा गया। वहीं, उत्तर रेलवे ने रेलवे बोर्ड से इस बारे में सलाह मांगी है। इस तरह से अधिकारी यह निर्णय नहीं कर सके हैं कि रेल नीर को पैक्ड आइटम माना जाए या नहीं। 2009 से जिन स्टॉल पर रेल नीर की बिक्री होती थी अब उन्हें भी रोक दिया गया है। कोरोना संकट के दौरान इस तरह के कदम से यात्रियों को परेशानी होगी। संक्रमण रोकने के लिए किसी एक जगह भीड़ नहीं हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
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