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Raghuvansh Prasad Singh Death News: दिल्ली से बिहार ले जाया जा रहा रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर

पूर्व केंद्रीय मंत्री व बिहार के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का 74 वर्ष की अवस्था में रविवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया।उनके पार्थिव शरीर को दिल्‍ली से बिहार ले जाया जा रहा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 04:20 PM (IST)
Raghuvansh Prasad Singh Death News: दिल्ली से बिहार ले जाया जा रहा रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर
Raghuvansh Prasad Singh Death News: दिल्ली से बिहार ले जाया जा रहा रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Raghuvansh Prasad Singh: पूर्व केंद्रीय मंत्री व बिहार के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का 74 वर्ष की अवस्था में रविवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। वह फेफड़े में संक्रमण के कारण पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार थे। इस वजह से करीब सवा महीने से एम्स में उनका इलाज चल रहा था और पिछले एक सप्ताह से वह आइसीयू में थे। सुबह 10:46 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

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वह राजद (राष्ट्रीय जनता दल) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी माने जाते थे लेकिन कुछ दिन पहले ही उन्होंने राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, लालू प्रसाद यादव सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जाहिर किया है। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली से पटना ले जाया रहा है।

बिहार के वैशाली जिले में होगा अंतिम संस्‍कार

इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे से उनके पार्थिव शरीर को पटना ले जाया जा रहा है। यहां से उनके पार्थिव शरीर को वैशाली जिले के शाहपुर स्थित पैतृक निवास स्थान पर ले जाया जाएगा। पैतृक गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि जून में उन्हें कोरोना हो गया था। तब उन्हें पटना एम्स में भर्ती किया गया।

कोरोना से ठीक होने के बाद उन्‍हें हुई सांस लेने में परेशानी

कोरोना से ठीक होने के कुछ समय के बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी शुरू हो गई थी। इस वजह से उन्हें चार अगस्त को दिल्ली एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया था। एम्स के अनुसार एक सप्ताह से उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी। इस वजह से छह सितंबर को उन्हें आइसीयू में स्थानांतरित कर वेंटिलेटर सपोर्ट देना पड़ा था। एम्स के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वह यूपीए-1 की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे थे।

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