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डायलिसिस मशीनों की खरीद में घिरी केजरीवाल सरकार, लगे गंभीर आरोप

इससे दिल्ली सरकार को न सिर्फ 13 करोड़ का नुकसान होगा, बल्कि प्रति डायलिसिस 700-800 रुपये का अतिरिक्त भार प्रति मरीज प्रति डायलिसिस भी पड़ेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 06 Dec 2017 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 01:47 PM (IST)
डायलिसिस मशीनों की खरीद में घिरी केजरीवाल सरकार, लगे गंभीर आरोप
डायलिसिस मशीनों की खरीद में घिरी केजरीवाल सरकार, लगे गंभीर आरोप

नई दिल्ली (जेएनएन)। आम आदमी पार्टी (AAP) शासित दिल्ली सरकार पर अब अस्पतालों में डायलिसिस मशीनों की खरीद में टेंडर नियमों की अनदेखी कर जर्मन कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। पूर्व मंत्री व AAP के विधायक कपिल मिश्रा ने बुधवार को दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाया और इस पर सरकार से जवाब मांगा। वहीं, कपिल मिश्रा के गंभीर आरोपों पर दिल्ली सरकार की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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बता दें कि नेशनल हेल्थ मिशन योजना के अंतर्गत आने वाले प्रधानमंत्री डायलिसिस प्रोग्राम के तहत दिल्ली सरकार ने 24 अक्टूबर को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में लगाने के लिए हेमोडायलिसिस मशीन, आरओ सिस्टम आदि खरीदने व लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किया था।

इसके बाद गत दो नवंबर को प्री बिड मीटिंग के बाद छह नवंबर को दिल्ली सरकार ने एक संशोधन के द्वारा टेंडर के नियमों में बदलाव कर दिया। फिर एक तरह की खासियत वाली डायलिसिस मशीन जोकि केंद्र सरकार के डॉक्यूमेंट के अनुसार 'ऑप्शनल' थी उसे 'मेंडेटरी' कर दिया गया।

नियमों में इस बदलाव के बाद अब कोई भी सप्लायर जर्मन की एक विशेष कंपनी के अलावा कहीं और से मशीन नहीं खरीद पाएगा। वहीं, अन्य सभी कंपनियों की मशीनों को दिल्ली सरकार ने टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया।

आरोप है कि उक्त कंपनी की मशीन न सिर्फ महंगी होती है, बल्कि उसका रखरखाव आदि भी महंगा होता है। इस टेंडर में अब सरकार को न सिर्फ 13 करोड़ का नुकसान होगा, बल्कि प्रति डायलिसिस 700-800 रुपये का अतिरिक्त भार प्रति मरीज प्रति डायलिसिस भी पड़ेगा।

इससे पहले स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद-फरोख्त को लेकर भी विधायक कपिल मिश्रा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा 300 करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं खरीदने और घोटाले का आरोप लगाया था, जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) तक ने कार्रवाई की थी।

कपिल ने आरोप लगाया था कि दवाओं और एंबुलेंस की खरीद के साथ अधिकारियों के तबादले में भी घोटाला किया गया। जो दवाएं अस्पतालों में भेजी जानी चाहिए थीं, वो गोदामों में सड़ रही हैं।

कपिल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि स्वास्थ्य विभाग में नियम-कानून तोड़कर 30 चिकित्सा अधीक्षकों की नियुक्ति की गई।

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