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    आतिशी को मिला केजरीवाल का बंगला, दो दिन पहले ही करवाया गया था खाली

    Updated: Fri, 11 Oct 2024 08:09 PM (IST)

    बीते दो दिनों से दिल्ली की राजनीति में मुख्यमंत्री के बंगले को लेकर जंग छिड़ी हुई थी अब लोक निर्माण विभाग के एक कदम से यह पूरा मसला सुलझ गया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सभी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को वो बंगला अलॉट कर दिया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहा करते थे।

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    बंगला अलॉट न होने के चलते अपने वर्तमान निवास पर पैक सामानों के बीच काम करतीं आतिशी। आतिशी के ट्विटर

     जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के बंगले को लेकर छिड़ी राजनीति पर अब विराम लग सकता है। दरअसल पीडब्ल्यूडी ने जिस बंगले को दो दिन पहले सील कर आतिशी का सामान वापस करवा दिया था, वही बंगला अब उन्हें बकायदा अलॉट कर दिया गया है।

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    पीडब्ल्यूडी ने आतिशी को बंगला अलॉट करने का ऑफर लेटर जारी किया है। इसमें बताया गया है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को जनरल पूल 6 फ्लैग स्टाफ रोड बंगला सरकारी आवास के तौर पर अलॉट किया गया है।

    बंगला आवंटन की क्या है प्रक्रिया

    सरकारी बंगला खाली करने के समय की कार्रवाई अति महत्वपूर्ण मानी जाती है। सीएम आवास की बात करें तो यहां सभी सामान सरकारी होता है, केवल रहने वाले लोगों के उपयोग का निजी सामान ही वे अपने साथ लाते हैं और बंगला खाली करने पर साथ ले जाते हैं।

    ऐसे में बंगला खाली किए जाने के समय सबसे पहले बंगले में रहने वाली सभी सामान की एक रिपोर्ट बनाई जाती है। उसे संबंधित अधिकारी प्रमाणित करते हैं और एक रिपोर्ट जारी करते हैं कि सभी कुछ सामान मौजूद है।

    बंगले से आतिशी का सामान ले जाता ट्रॉली वाला। पीटीआई

    इसी दौरान सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग बिजली, पानी आदि के बिलाें से संबंधित एक नो ड्यूज प्रमाणपत्र जारी करता है। जिसमें प्रमाणित किया जाता है कि संबंधित व्यक्ति जिस बंगले में रह रहा था, उस पर कोई बकाया नहीं है।

    बंगला खाली करने के समय रहने वाले संबंधित व्यक्ति जिस विभाग का बंगला है उसे आवास की चाबी साैंप देते हैं।

    इसके बाद संबंधित विभाग का अभियंता बंगले का निरीक्षण कर बंगला खाली हाेने की रिपोर्ट जारी करता है। इसके बाद बंगला मांगे जाने पर नए व्यक्ति को आवंटित किया जाता है।

    प्वाइंट्स में समझें क्या है विवाद

    • मुख्यमंत्री आवास को लेकर चल रहे विवाद में उस वक्त ट्विस्ट आ गया, जब बुधवार को पीडब्ल्यूडी ने बंगले को खाली करा अपने कब्जे में ले लिया और सील कर दिया।
    • सील करने से पहले सीएम आतिशी का जितना भी सामान वहां पहुंचा था उसे वापस करा दिया गया।
    • वहीं इस मामले में सतर्कता विभाग ने कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विशेष सचिव रहे प्रवेश रंजन झा सहित तीन अधिकारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है।
    • इस पूरी घटना पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी नाराजगी जताई तो विपक्ष ने इसे उचित बताया।
    • बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से गत 21 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद उन्होंने चल रहे नवरात्र में गत अक्टूबर को सिविल लाइंस के 6- फ्लैग स्टाफ रोड का बंगला खाली कर दिया था।
    • दिल्ली सरकार ने 7 अक्टूबर को सीएम आतिशी के इस बंगले में इसमें शिफ्ट हो जाने का दावा किया था। बंगले को खाली करने और हैंडओवर को लेकर ही विवाद हुआ।
    • पलटवार करते हुए राजनिवास ने कहा है कि ये घर सीएम आतिशी को अब तक आवंटित नहीं है। उन्होंने जबरन उनमें अपना सामान रख लिया, उनका अलॉटेड आवास अब भी मथुरा रोड का बंगला नंबर एबी-17 है।
    • मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी ने बीते 6 अक्तूबर को सीएम आवास की चाबी मुख्यमंत्री आतिशी को सौंप दी थी और इस प्रक्रिया में विभाग ने सभी नियमों और प्रोटोकाल का पालन किया है।