सिग्नेचर ब्रिज से डीएनडी तक प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए कंपनी को बनाया सलाहकार
रिंग रोड पर वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यमुना पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज से निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन (सराय काले खां) से होते हुए डीएनडी तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है।
नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। दिल्ली सरकार की सिग्नेचर ब्रिज से लेकर डीएनडी तक प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने कॉरिडोर के निर्माण शुरू करने के दौरान आनेवाली अड़चनों का अध्ययन करने को सलाहकार कंपनी नियुक्त की है। कंपनी नौ माह में इस परियोजना को लेकर अपनी फाइनल रिपोर्ट देगी। जबकि 2 से 3 माह में प्राथमिक रिपोर्ट विभाग को सौंप देगी, जिसमें परियोजना के रूट से लेकर इसके बीच आने वाली अड़चनों को सामने लाया जाएगा।
परियोजना को लेकर कोई तकनीकी अड़चन नहीं
विभाग का मकसद यह है कि यमुना के साथ-साथ प्रस्तावित इस परियोजना को लेकर सभी मामलों पर स्थिति साफ कर ली जाए। उसके बाद काम आगे बढ़ाया जाए। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि परियोजना को लेकर कोई तकनीकी अड़चन नहीं है। फिर भी विभाग अध्ययन की प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कराकर इसे यूटिपेक (यूनाइटेड ट्राफिक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर) और यमुना स्टैंडिंग कमेटी को भेजेगा। ताकि उनसे भी परियोजना को लेकर उनकी राय ली जा सके। दोनों जगह से स्थिति साफ होने पर आगे का कार्य किया जाएगा।
कॉरिडोर पर एक भी लालबत्ती नहीं होगी
बता दें कि रिंग रोड पर वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यमुना पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज से निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन (सराय काले खां) से होते हुए डीएनडी तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है। सरकार की योजना के अनुसार, इस कॉरिडोर की लंबाई करीब 12 किमी होगी। परियोजना की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई है। इसके लिए तैयार प्रस्ताव के अनुसार, इस कॉरिडोर के दो लिंक रोड आइटीओ और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 के पास उतारे व जोड़े जाएंगे। इस कॉरिडोर पर एक भी लालबत्ती नहीं होगी। इसे डीएनडी और बारापुला से जोड़ा जाएगा, जिससे लोगों को सिग्नेचर ब्रिज से एम्स और नोएडा के लिए सिग्नल फ्री कॉरिडोर मिल सकेगा।
संगठन ने जताई आपत्ति
कुछ माह पहले परियोजना को लेकर यमुना जिये अभियान ने आपत्ति जताई थी। इस संगठन के संयोजक मनोज मिश्रा ने मांग की थी कि इस परियोजना को यमुना के किनारे से न गुजार कर रिंग रोड के साथ-साथ गुजारा जाए। संगठन ने दिल्ली सरकार, लोक निर्माण विभाग और केंद्र सरकार को कुछ समय पहले पत्र भी लिखा था।