किचन को राहतः दामों में 50 फीसद से भी अधिक की कमी से ढीले पड़े दाल के तेवर
दिल्ली दाल मिल्स एसोसिएशन के महासचिव दीपक गोयल के मुताबिक अरहर दाल करीब डेढ़ वर्ष पहले उसी दर पर पहुंच गई है, जहां से चली थी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अरहर दाल ने महंगाई का चोला उतारना शुरू कर दिया है। थोक बाजार में इसकी कीमत 60 से 65 रुपये है, जबकि खुदरा में यह 70 रुपये किलो मिल रही है। बाजार के जानकार अनुमान लगा रहे हैं कि आने वाले दिनों में अरहर समेत अन्य दालों की कीमत में और गिरावट आ सकती है क्योंकि देश में दलहन फसल अच्छी हुई है।
पिछले वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सितंबर में अरहर दाल की कीमत ने उबाल लेना शुरू किया था और देखते ही देखते इसने 200 रुपये प्रतिकिलो तक के आंकड़े को छू लिया था। इसके साथ ही उड़द, चना, मूंग समेत अन्य दालों की कीमत ने भी कुलाचें भरी थीं।
इनकी कीमत 100 से 150 रुपये प्रतिकिलो के बीच पहुंच गई थी। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार पर हमला तेज कर दिया था। ऐसे में सरकार ने दाल आयात के साथ भंडारण सीमा सीमित करने सहित कई फैसले लिए थे। इसके अलावा दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया।
इस बार अच्छी फसल ने दाल की कीमत में और कमी ला दी है। दिल्ली की थोक दाल मंडी नया बाजार में अरहर दाल की कीमत फिलहाल 60 से 65 रुपये तो चना दाल की 60 रुपये किलो है। मूंग दाल 55-60 और उड़द दाल 65 से 70 रुपये के बीच है।
दिल्ली दाल मिल्स एसोसिएशन के महासचिव दीपक गोयल के मुताबिक अरहर दाल करीब डेढ़ वर्ष पहले उसी दर पर पहुंच गई है, जहां से चली थी।
कारोबारियों के लिए चिंता की बात यह है कि इसके दाम में और गिरावट आ सकती है, क्योंकि इस बार दाल का बफर स्टॉक है। ऐसे में थोक मंडी में अरहर दाल सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 5000 रुपये से नीचे 4000 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रही है।