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यमुना का जलस्तर बढ़ा तो पानी में डूब गई प्रस्तावित लैंडफिल साइट

पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने यमुना खादर के इलाके उस्मानपुर घोंडा गुजरान व सोनिया विहार में लैंडफिल साइट बनाना प्रस्तावित किया है।

By Edited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 08:32 PM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 02:00 PM (IST)
यमुना का जलस्तर बढ़ा तो पानी में डूब गई प्रस्तावित लैंडफिल साइट
यमुना का जलस्तर बढ़ा तो पानी में डूब गई प्रस्तावित लैंडफिल साइट

नई दिल्ली (जेएनएन)। कूड़ा निस्तारण पूरी दिल्ली के लिए बड़ी समस्या है और यमुनापार भी इससे अछूता नहीं है। पूर्वी निगम गाजीपुर से इतर लैंडफिल साइट बनाने के लिए प्रयास भी करता है तो बाधाएं आड़े आ जाती हैं। यमुना खादर के घोंडा गुजरान व सोनिया विहार में लैंडफिल साइट की जगह प्रस्तावित की गई तो आम लोगों के साथ-साथ विभिन्न दलों के नेता भी विरोध में खड़े हो गए और अब ये दोनों ही जगह यमुना के पानी में डूब चुकी है। चूंकि, निगम ने यहां लैंडफिल साइट बनाने से यमुना को नुकसान नहीं होने का हवाला दिया था, लेकिन नदी में पानी बढ़ते ही यह इलाका डूब गया। इसलिए लोग अब सोशल मीडिया पर गुस्से का इजहार करने लगे हैं। ज्यादातर लोगों को कहना है कि निगम अधिकारियों और नेताओं को यहां की हालत देखकर आंखें खोल लेनी चाहिए। हालांकि, फिलहाल लैंडफिल साइट बनाने का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में लंबित है।

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... तो आज कूड़ा ही कूड़ा नजर आता
ब्रह्मपुरी के पार्षद राजकुमार बल्लन ने कहा कि अगर इन जगहों पर लैंडफिल साइट बन जाती तो आज यमुना में कूड़ा ही कूड़ा नजर आता। यमुना का जलस्तर बढ़ने से 10 हजार लोग प्रभावित हैं और राहत शिविरों में रह रहे हैं। वहीं, आपदा प्रबंधन अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि सभी विभागों के साथ मिलकर बाढ़ की स्थिति को संभाला जा रहा है। एडीएम ने यमुना घाट का दौरा किया पूर्वी दिल्ली के एडीएम अजय कुमार ने गीता कॉलोनी स्थित यमुना घाट का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यमुना का जलस्तर कम होने लगा है, लेकिन पीड़ित लोग तब तक राहत शिविरों में ही रहेंगे, जब तक यमुना अपने सामान्य स्तर पर नहीं आ जाती है। उनके साथ सिविल डिफेंस के अधिकारी दिनेश कौशिक व कमल शर्मा भी मौजूद रहे।

बलराम चौधरी (आरडब्ल्यूए अध्यक्ष, करावल नगर हरिजन बस्ती) की मानें तो यमुना खादर में लैंडफिल साइट नहीं बननी चाहिए। निगम ने बिना सोचे समझे खादर में लैंडफिल साइट बनाने का फैसला लिया। अगर लैंडफिल बन गई होती तो आज यमुना की क्या स्थिति होती, यह सोचकर भी डर लगता है।  

शशि कौशल (जिलाधिकारी, उत्तरी पूर्वी जिला) ने कहा कि जिला प्रशासन प्रभावित लोगों को सभी तरह की सुविधाएं दे रहा है। सभी एसडीएम और एडीएम दिन रात यमुना की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे यमुना किनारे न जाएं।   

के.महेश (जिलाधिकारी पूर्वी व शाहदरा जिला) ने बताया कि  शाहदरा और पूर्वी जिले में बनाए गए राहत शिविरों में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि लोगों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाया जा सके। इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं।  


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