Delhi: 11 साल बाद MCD में खत्म हुई वेतन व पेंशन बकाये की समस्या, निगम के विभाजन के बाद से आ रही थी परेशानी
दिल्ली नगर निगम में 11 वर्षों से चली आ रही वेतन और पेंशन बकाया होने की समस्या फिलहाल खत्म हो गई है। एमसीडी का विभाजन 2012 में हुआ था और पूर्वी उत्तरी व दक्षिणी निगम का गठन हुआ था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों-कर्मचारियों की विगत 11 वर्षों से चली आ रही वेतन और पेंशन बकाया होने की समस्या फिलहाल खत्म हो गई है। दिल्ली सरकार से मिले 2 हजार करोड़ रुपये में से निगम ने 730 करोड़ रुपये जारी कर सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का दिसंबर तक का वेतन और पेंशन का बकाया खत्म कर दिया है।
इसके बाद शेष राशि से जनवरी का भी वेतन जारी हो सकेगा। वहीं, फरवरी और मार्च माह में अपने कई स्रोतों से लेकर दिल्ली सरकार से अन्य मदों में भी निगम को फंड आना है, जिससे मार्च तक कर्मचारियों को वेतन और पेंशन में दिक्कत नहीं होगी। एमसीडी का विभाजन 2012 में हुआ था और पूर्वी, उत्तरी व दक्षिणी निगम का गठन हुआ था।
विभाजन के बाद खड़ी हो गई थी समस्या
विभाजन के बाद से ही पूर्वी और उत्तरी दिल्ली में वेतन की समस्या खड़ी हो गई थी, क्योंकि पूर्वी और उत्तरी निगम के पास आय के स्रोत इतने नहीं थे, जितना उनका खर्च था। ज्यादातर आय के स्रोत दक्षिणी निगम के पास थे। ऐसे में दक्षिणी निगम को वेतन की समस्या तो नहीं हुई थी, लेकिन उत्तरी और पूर्वी निगम के कर्मचारी परेशान थे। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में तीनों निगमों का पुन: एकीकरण कर दिया।
इसके बाद भी पूर्वकालिक दक्षिणी निगम के कर्मचारियों को वेतन समय से मिल रहा था, लेकिन उत्तरी और पूर्वी निगम के कर्मचारियों को वेतन के लिए तीन से चार माह इंतजार करना पड़ रहा था। एकीकरण के करीब दस माह और वर्ष 2012 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जबकि सभी कर्मचारियों को सारा वेतन और पेंशन के बकाये की समस्या खत्म हो गई है।
मार्च तक ऐसे ही मिलेगा कर्मचारियों को वेतन और पेंशन
एमसीडी सूत्रों के अनुसार, फिलहाल दिल्ली सरकार ने निगम को 1532 करोड़ रुपये का फंड दिया है। इससे निगम के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का जनवरी तक का वेतन और पेंशन का बकाया खत्म हो जाएगा, जबकि आने वाले दिनों में 460 करोड़ आने से फरवरी के वेतन और पेंशन का कुछ हिस्सा जारी हो सकेगा।
सूत्रों के अनुसार, अभी दिल्ली सरकार से 300 करोड़ रुपये ट्रांसफर ड्यूटी, 300 करोड़ बिजली शुल्क, 180 करोड़ टोल और 1000 करोड़ रुपये संपत्तिकर से आने के साथ 500 करोड़ रुपये दूसरे करों से आने की उम्मीद है। ऐसे में निगम के पास 2280 करोड़ रुपये आने संभावित हैं। निगम को एक माह के वेतन और पेंशन पर 774 करोड़ खर्च करने होते हैं। ऐसे में निगम को फरवरी और मार्च का भी वेतन और पेंशन देने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त दिए 894 करोड़
दिल्ली सरकार ने अपने बजट में पहले 6119 करोड़ रुपये पूर्वकालिक निगमों के लिए आवंटित किए थे। इसके बाद सरकार ने अपने संशोधित बजट अनुमान में यह राशि बढ़ाकर 7013 करोड़ कर दी है। इससे निगम को 894 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए हैं। सरकार ने यह राशि अपना राजस्व बढ़ने की वजह से निगम को दी है।
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दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा
दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का बकाया होने का मुद्दा दैनिक जागरण ने उठाया था। जागरण ने 28 जनवरी और एक फरवरी के संस्करण में इसे लेकर खबर प्रकाशित की थी। इसमें कर्मचारियों के विरोध को भी दर्शाया था। शिक्षक भी काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध कर रहे थे।
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