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Delhi Fire: दिल्‍ली में आग लगने की घटनाओं की जांच फाइलों में ही तोड़ रही दम! कैसे पकड़े जाएंगे दोषी

Delhi Fire काफी समय बीतने के बाद भी आग के वास्तविक कारण सामने नहीं आ पाते और न ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कोई विभाग संवदेनशील नजर आता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 05:28 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 05:48 PM (IST)
Delhi Fire: दिल्‍ली में आग लगने की घटनाओं की जांच फाइलों में ही तोड़ रही दम! कैसे पकड़े जाएंगे दोषी
Delhi Fire: दिल्‍ली में आग लगने की घटनाओं की जांच फाइलों में ही तोड़ रही दम! कैसे पकड़े जाएंगे दोषी

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। Delhi Fire: जिस आग में इंसानों की मौत हो जाती है, उसकी जांच काफी मुश्किल हो जाती है। अधिकतर मामलों की जांच तो फाइलों में ही दम तोड़ देती है। इस वजह से काफी समय बीतने के बाद भी आग के वास्तविक कारण सामने नहीं आ पाते और न ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कोई विभाग संवदेनशील नजर आता है।

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एक के बाद एक घटनाएं आ रही सामने

एक के बाद एक आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। ठीक 15 दिन पहले अनाज मंडी में एक पांच मंजिला इमारत में आग लगने से 44 लोगों की मौत हो गई, लेकिन आज तक इसकी कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। पुलिस का कहना है कि एफएसएल रिपोर्ट ही अब तक नहीं आई है। वहीं दिल्ली सरकार ने पूर्वी जिले के जिलाधिकारी अरुण कुमार मिश्र को भी मामले की जांच कर सात दिन में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन उनका कहना है कि जांच में अभी कुछ और वक्त लगेगा।

जांच काफी धीमी

इसी तरह आग की अन्य घटनाओं में जांच धीमी ही चल रही है। छह अगस्त को जामिया नगर में एक चार मंजिला मकान में आधी रात को आग लग गई, जिसमें तीन बच्चे समेत छह लोगों की मौत हुई थी। मकान में भूतल पर पार्किंग में खड़े वाहन व बिजली के मीटर भी आग की चपेट में आ गए थे। आग के वास्तविक कारण का पुलिस अभी भी पता नहीं लगा सकी है। पुलिस को इस केस में भी एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिल पाई है।

जांच के बाद ही हुआ तबादला

गत 13 जुलाई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक फैक्ट्री में आग लगी थी, इसमें दो महिलाओं सहित तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ ने मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन कुछ समय बाद ही उनका तबादला हो गया। इसके बाद इसकी जांच भी फाइलों में सिमट कर रह गई।

होटल अर्पित मामले में 10 माह बाद भी पता नहीं घटना का कारण

इनके अलावा इसी साल 12 फरवरी को करोलबाग के अर्पित होटल में भीषण आग लगी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी गई थी, लेकिन दस माह बीतने के बाद भी पुलिस आग के असली कारण तक नहीं पहुंच पाई। पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस तरह की घटनाओं की जांच में कई विभाग शामिल होते हैं।

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