JNU : देश के नामी शिक्षण संस्थान जेएनयू में 4 वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रम की तैयारी
Jawaharlal Nehru University जेएनयू के रेक्टर-1 प्रो. चिंतामणि महापात्र ने कहा कि कमेटी जेएनयू के विज्ञान मानविकी व सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन के साथ सभी स्कूलों के प्रमुखों से बैठक में हुई चर्चाओं पर रायशुमारी करेगी।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) की अकादमिक परिषद की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में स्नातक पाठयक्रम की समयावधि तीन से बढ़ाकर चार वर्ष करने, नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कमेटी गठित करने और स्नातकोत्तर की पढ़ाई ऑनलाइन कराने पर चर्चा हुई। जेएनयू के रेक्टर-1 प्रो. चिंतामणि महापात्र ने कहा कि कमेटी जेएनयू के विज्ञान, मानविकी व सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन के साथ सभी स्कूलों के प्रमुखों से बैठक में हुई चर्चाओं पर रायशुमारी करेगी। इसके बाद कार्यकारी परिषद में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। वहां प्रस्तावों पर मुहर लगने के बाद अमल में लाया जा सकेगा।
अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने बताया कि जूम एप पर हुई बैठक में तीन वर्षीय स्नातक पाठयक्रमों को चार वर्षीय कार्यक्रम में बदलने के दूरगामी परिणामों, पाठ्यक्रमों में संशोधन, फैकल्टी के स्तर पर आने वाली चुनौतियों समेत कक्षाओं के प्रबंधन पर भी चर्चा हुई। जिन स्नातकोत्तर पाठयक्रमों में प्रयोगशाला या प्रायोगिक कार्य नहीं होते, उनकी पढ़ाई ऑनलाइन संचालित करने को लेकर स्कूलों व केंद्रों के डीन से सुझाव मांगे गए हैं।
सेंटर फॉर सिस्टम्स मेडिसिन की स्थापना
जेएनयू प्रणाली चिकित्सा के लिए विशेष केंद्र (स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टम्स मेडिसिन) स्थापित करेगा। चिकित्सा प्रणाली मोलिक्यूलर और निर्धारक सेल्यूलर की जटिलता समझने का प्रयास करेगी। जेएनयू के कुलपति प्रो.जगदीश कुमार ने कहा, प्रस्तावित केंद्र क्लीनिक व मोलिक्यूलर डाटा विकसित करने के राष्ट्रीय हब के तौर पर काम करेगा।
शिक्षक संघ ने बैठक के तरीकों पर जताया विरोध
जेएनयू शिक्षक संघ ने रोष जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जेएनयू फैकल्टी और छात्रों की तारीफ करते हैं। वहीं, जेएनयू प्रशासन अकादमिक बैठक में शिक्षक संघ व छात्रसंघ को शामिल तक नहीं करता। वर्तमान जेएनयू प्रशासन चर्चा में भरोसा नहीं रखता।
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