Delhi Premium Buses: बदल जाएगा बस में सफर का अंदाज, दिल्ली में चलेंगी प्रीमियम बसें; ऐप से बुक होगा टिकट
Delhi Premium Buses प्रीमियम सीट वाली इन बसों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी लेकिन किराया अधिक होगा। बस में वही सवार होगा जिसके पास पहले से टिकट होगा। दिल्ली सरकार इस सेवा को जल्द शुरू करने के पक्ष में है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Delhi Premium Buses: राजधानी दिल्ली के लोगों को जल्द ही ऐसी बसें मिलने जा रही हैं, जिसमें न भीड़ होगी और न ही सीट मिलने का तनाव रहेगा। एक ऐप के माध्यम से बसों में सीट पहले से ही बुक करा सकेंगे और आरामदायक सफर के लिहाज से बसें भी पूरी तरह वातानुकूलित होंगी। प्रीमियम सीट वाली इन बसों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन किराया अधिक होगा। बस में वही सवार होगा, जिसके पास पहले से टिकट होगा। दिल्ली सरकार इस सेवा को जल्द शुरू करने के पक्ष में है।
इस स्कीम को लेकर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत कई बार बैठक कर चुके हैं। परिवहन विभाग ने बस सेवा के लिए प्रस्ताव तैयार कर दिया है। कानूनी राय के लिए इसे सरकार के विधि विभाग में भेजा जा रहा है, जिससे भविष्य में किसी तरह की अड़चन सामने न आए। सभी बसें निजी होंगी, लेकिन संचालन के लिए उन्हें सरकार के पास पंजीकरण कराना होगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में डीटीसी व क्लस्टर सेवा की बसें चलती हैं। हालांकि दोनों सेवाओं में अब वातानुकूलित बसें भी हैं, मगर स्टॉप अधिक हैं। इसलिए समय बचाने के लिए लोग अपने निजी वाहन से कार्यालय जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए प्रीमियम सेवा बेहतर साबित होगी, क्योंकि इन बसों के स्टॉप कम होंगे और भीड़भाड़ भी नहीं होगी।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि इस सेवा को शुरू करने का मकसद सड़कों से वाहनों की संख्या को कम करना भी है, जिससे प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सके।
बाजार तय करेगा प्रीमियम बसों का किराया
प्रीमियम बसों की सेवा दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में भी होगी। इसका किराया बसों की मांग पर निर्भर करेगा। यानी किराये में उतार-चढ़ाव होता रहेगा।
बसों में सीसीटीवी व जीपीएस होगा अनिवार्य
प्रीमियम बसों में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा व पैनिक बटन लगाना जरूरी होगा। जीपीएस व पैनिक बटन का सीधा लिंक परिवहन विभाग के कश्मीरी गेट पर बनने वाले कंट्रोल रूम से होगा। वहां से बसों निगरानी होगी। इसमें मिनी बस व टेंपो ट्रेवलर भी चल पाएंगे। हालांकि इस सेवा को 2016 में ही लाए जाने की योजना थी, मगर कुछ विवाद हो जाने के कारण सरकार इस स्कीम को आगे बढ़ाने से पीछे हट गई।
अपने अनुसार रूटों पर बसें चला सकेंगे संचालक
प्रीमियम बस सेवा का लंबे समय से जमीन न उतरने का कारण परिवहन नीति भी है। बसों के रूट को लेकर लंबे समय से बस संचालकों और परिवहन विभाग के बीच विवाद था। विभाग इन बसों के लिए रूट तय करना चाहता था। मगर प्रीमियम बस में शामिल होने वाले संचालक इसके लिए तैयार नहीं थे। अब इस स्कीम के तहत चलाई जाने वाली बसों के लिए रूट निर्धारित नहीं होंगे।
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