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VHP में तीन दशक पुराने तोगडि़या युग का अंत, वीएस कोकजे विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित

तीन दशक से भी लंबे समय तक इस संगठन से जुड़े रहने और इसका पर्याय समझे जाने वाले प्रवीण तोगड़िया ने VHP छोड़ने की घोषणा कर दी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 10:32 AM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 10:03 AM (IST)
VHP में तीन दशक पुराने तोगडि़या युग का अंत, वीएस कोकजे विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित
VHP में तीन दशक पुराने तोगडि़या युग का अंत, वीएस कोकजे विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित

गुरुग्राम [ जेएनएन ]। नब्‍बे के दशक में हिंदुत्‍व की सबसे प्रखर और उग्र आवाज माने जाने वाले विश्‍व हिंदू परिषद (VHP) के नेता प्रवीण तोगड़िया ने शनिवार को संगठन को छोड़ने की घोषणा कर दी। तीन दशक से भी लंबे समय तक विहिप से जुड़े रहने और इसका पर्याय समझे जाने वाले प्रवीण तोगड़िया के समर्थक प्रत्‍याशी की अध्‍यक्ष पद के चुनाव में हार के बाद उन्‍होंने यह घोषणा की।

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हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल व राजस्थान एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे विष्णु सदाशिव कोकजे शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद के चुनाव में अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित किए गए। विहिप के 52 वर्षों के इतिहास में पहली बार हुए चुनावों में वीएस कोकजे दो तिहाई बहुमत से विहिप के अध्‍यक्ष बने। उन्‍होंने तोगड़िया की जगह आलोक कुमार को अंतरराष्‍ट्रीय कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाया है।

उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष राघव रेड्डी को 71 मतों से पराजित किया। 192 सदस्यों ने मतदान किया। एक मत रद हो गया। कोकजे को 131 जबकि रेड्डी को केवल 60 मत प्राप्त हुए। हार होते ही रेड्डी की टीम में अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष रहे डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा ने विहिप को अलविदा कह दिया। दरअसल विहिप का अध्‍यक्ष ही अंतरराष्‍ट्रीय कार्यकारी अध्‍यक्ष को चुनता है. अभी तक तोगड़िया ही कार्यकारी अध्‍यक्ष थे। लिहाजा उनके प्रत्‍याशी राघव रेड्डी की हार के बाद ही स्‍पष्‍ट हो गया था कि अब तोगड़िया को हटा दिया जाएगा

तोगडिय़ा की जगह दिल्ली विधानसभा में उपाध्यक्ष रहे एडवोकेट आलोक कुमार को कोकजे ने अपनी टीम में कार्याध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। सिविल लाइंस स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्रामगृह में शनिवार सुबह 11 बजे से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हुआ।

दोपहर एक बजे मतदान संपन्न होते ही मतगणना शुरू कर दी गई। मतगणना के बीच में ही रेड्डी की हार तय हो गई थी। जैसे ही जीत की घोषणा हुई डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा बाहर निकल गए। जीत हासिल होने के एक घंटे के भीतर ही नवनिर्वाचित अध्यक्ष कोकजे ने अपनी टीम की घोषणा कर दी।

टीम में आलोक कुमार एवं अशोक राव चौगुले को अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, मिलिंद परांडे को अंतरराष्ट्रीय महामंत्री, विनायक राव देशपांडेय को अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री, चंपत राय को अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं कोटेश्वर राव को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई।

अन्य पदों पर राघव रेड्डी की टीम में जो पदाधिकारी थे, उन्हें बरकरार रखा गया है। नवनियुक्त अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिङ्क्षलद परांडे ने निवर्तमान अध्यक्ष राघव रेड्डी, कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा, संगठन महामंत्री दिनेशचंद्र के कार्यों की प्रशंसा का प्रस्ताव बैठक में रखा जिसका ओम ध्वनि के साथ प्रन्यासी मंडल ने अनुमोदन किया।

निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी निवर्तमान अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगन्नाथ शाही ने निभाई। उनका सहयोग चुनाव प्रबंधक के रूप में श्री सिद्धेश्वर मंदिर सभा गुरुग्राम के महासचिव रामअवतार गर्ग उर्फ बिट्टू ने किया। दोनों ने चुनाव को शांतिपूर्ण व निष्पक्षता से कराने का दावा किया।

इधर, नई टीम की घोषणा के बाद डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे को बधाई देते हुए कहा कि सत्ता के मदमस्तों ने उन्हें विहिप से विदा होने के लिए मजबूर कर दिया। वह अब विहिप में नहीं हैं लेकिन राम मंदिर के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।


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