वायु प्रदूषण से पर्यटन उद्योग की अटकी सांसें, 20 फीसद की आई गिरावट
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आइएटीओ) के अध्यक्ष प्रणब सरकार के मुताबिक वर्ष 2016 से प्रदूषण के कारण उत्तर भारत के पर्यटन उद्योग को झटका लग रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। वायु प्रदूषण से दिल्ली के पर्यटन उद्योग की सांसें अटकने लगी हैं। देशी-विदेशी पर्यटक राष्ट्रीय राजधानी से दूर होने लगे हैं। उनका ठिकाना राजस्थान व उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों के साथ दक्षिण व पूर्वोत्तर के राज्य बन रहे हैं।
दिल्ली के होटल संचालकों के मुताबिक इस नवंबर माह में ही विदेशी पर्यटकों की उपस्थिति में 20 फीसद तक की गिरावट आई है। अगर हालात नहीं सुधरते तो पर्यटकों की उपस्थिति में और गिरावट आ सकती है। पर्यटन के सीजन वाले महीनों (अक्टूबर से मार्च तक) में (नवंबर-दिसंबर में) साल-दर-साल प्रदूषण की समस्या बने रहने से उद्योग के भविष्य के लिहाज से भी चिंताजनक है। होटल संचालकों के मुताबिक ऐसा रहा तो पर्यटन मौसम में विदेशी पर्यटकों का भारत आना कम हो सकता है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आइएटीओ) के अध्यक्ष प्रणब सरकार के मुताबिक वर्ष 2016 से प्रदूषण के कारण उत्तर भारत के पर्यटन उद्योग को झटका लग रहा है। इस वर्ष ही दिल्ली व उत्तर भारत की जगह विदेशी पर्यटक दक्षिण के राज्यों का रुख कर रहे हैं। यहां जो आ भी रहा है। वह एक दिन में ही निकल जा रहा है। यह काफी खराब स्थिति है।
दिल्ली होटल महासंघ के अध्यक्ष अरुण गुप्ता के मुताबिक कुछ दिनों में ही होटल के कमरों की बुकिंग में 20 फीसद की गिरावट आई है। आइएटीओ के पूर्व अध्यक्ष व एक प्रतिष्ठित टूर ऑपरेटर कंपनी के मालिक सुभाष गोयल ने कहा कि दिल्ली व शेष शहरों में खराब वायु की खबरें विदेशी पर्यटकों तक भी पहुंच रही हैं। हर साल की यही स्थिति रहती है।
एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया (एडीटीओआइ) के पूर्व महामंत्री अनुराग अग्रवाल ने कहा कि वे लोग खुद भी पर्यटकों को सलाह दे रहे हैं कि उन्हें सांस संबंधी समस्या है तो इस मौसम में दिल्ली आने से बचें या जरूरी इंतजाम कर चलें। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि यही चलता रहा तो पर्यटन उद्योग के लिए आने वाला साल अच्छा नहीं रहने वाला है।
पुरानी दिल्ली में वॉक टूर का आयोजन करने वाले एम मेहताब राही ने कहा कि अभी तो ज्यादा असर नहीं दिखाई दे रहा है। विदेशी पर्यटकों के साथ दिल्ली के पर्यटक भी बाहर निकल रहे हैं, लेकिन भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।