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औद्योगिक क्षेत्रों में रात के अंधेरे में हो रहे गलत काम, EPCA ताला जड़ने की तैयारी में

औद्योगिक क्षेत्रों में रात के अंधेरे में तमाम गलत काम अंजाम दिए जा रहे हैं। ऐसी गतिविधियों के लिए उत्तरदायी हर किसी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। ऐसी इकाइयों पर ताला भी जड़ा जाएगा।

By Edited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 08:04 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 12:41 PM (IST)
औद्योगिक क्षेत्रों में रात के अंधेरे में हो रहे गलत काम, EPCA ताला जड़ने की तैयारी में
औद्योगिक क्षेत्रों में रात के अंधेरे में हो रहे गलत काम, EPCA ताला जड़ने की तैयारी में

नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। इन सर्दियों में दिल्ली को गैस चैंबर बनने से बचाने के लिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), नगर निगमों और पुलिस के भरोसे न बैठकर ईपीसीए ने अब स्वयं विभिन्न इलाकों का निरीक्षण कर कार्रवाई सुनिश्चित करना शुरू कर दिया है।

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इसी कड़ी में जल्द ही प्रदूषण फैला रही औद्योगिक इकाइयों को सील करने की कार्रवाई शुरू होगी। गौरतलब है कि बीते सप्ताह ईपीसीए की टीम ने नरेला और बवाना का दौरा किया तो ग्रेडेड रिस्पॉस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तमाम नियमों का उल्लंघन होते पाया था। ईपीसीए ने इसी तरह की गतिविधिया उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली के मुंडका, नागलोई, घेवरा, रनहौला और टीकरी बार्डर क्षेत्र में भी चलती पाई हैं।

ईपीसीए के मुताबिक इन सभी क्षेत्रों में न केवल प्रतिबंधित ईंधन से औद्योगिक इकाइयां चलाई जा रही हैं बल्कि रबड़ और प्लास्टिक कचरा भी रात के अंधेरे में जलाया जा रहा है। औद्योगिक कचरे का यह धुआं लोगों को बीमार बनाने के साथ-साथ हवा को भी जहरीला कर रहा है।

ईपीसीए के अध्यक्ष डॉ भूरेलाल ने बताया कि स्थानीय निकायों की लापरवाही का नमूना जगह-जगह देखने को मिल रहा है। विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में रात के अंधेरे में तमाम गलत काम अंजाम दिए जा रहे हैं। डीपीसीसी और नगर निगम ने सख्ती बरती होती तो ऐसी स्थिति न होती, लेकिन इस बार दिल्ली को हर हाल में गैस चैंबर बनने से बचाने का लक्ष्य है। ऐसी गतिविधियों के लिए उत्तरदायी हर किसी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा और ऐसी इकाइयों पर ताला भी जड़ा जाएगा।


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