प्रदूषण जांच केंद्रों पर राजनीति: मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर कसा तंज, कही ये बातें
मनोज तिवारी ने कहा कि बंद पड़े सभी केंद्र फिर से शुरू होने चाहिए जिससे कि वाहन मालिकों की समस्या दूर हो सके। राजधानी में एक करोड़ से अधिक वाहन पंजीकृत हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करने वाले केंद्रों की कमी का मामला पार्टी पहले से उठाती रही हैै। अब दिल्ली सरकार की भी नींद खुली है और उसने स्वीकार किया है कि लोगों को प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में परेशानी हो रही है। सरकार ने भ्रष्टाचार की भी बात भी स्वीकार की है। सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम के डिपो में भी प्रदूषण प्रमाण पत्र केंद्र शुरू करने की घोषणा की है। यह कदम आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को सत्ता में आने के बाद ही उठा लेना चाहिए था।
पहले सरकार कर रही थी नजरअंदाज
तिवारी का कहना है कि उनकी पार्टी ने जब यह मुद्दा उठाया था तो अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। अब दिल्ली के परिवहन मंत्री भी इसे मानने को मजबूर हो गए हैं। जब तक प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या नहीं बढ़ेगी तब तक प्रमाण पत्र देने के नाम पर भ्रष्टाचार होता रहेगा।
बंद पड़े सभी केंद्र फिर से शुरू होने चाहिए
बंद पड़े सभी केंद्र फिर से शुरू होने चाहिए, जिससे कि वाहन मालिकों की समस्या दूर हो सके। राजधानी में एक करोड़ से अधिक वाहन पंजीकृत हैं। इसके साथ ही लाखों वाहन दूसरे राज्यों से दिल्ली में आते हैं। इनके प्रदूषण की जांच के लिए मात्र 941 केंद्र हैं, जो कि बहुत कम हैं।
दिल्ली का प्रदूषण बढ़ रहा
प्रदूषण जांच कराने के लिए लगने वाली लाइन की वजह से कई चालक अपने वाहनों की जांच नहीं कराते हैं जिससे दिल्ली का प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके विपरीत केजरीवाल सरकार प्रदूषण के लिए दूसरे राज्यों को दोषी ठहराकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करती है। दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने पर प्रदूषण केंद्रों की समीक्षा की जाएगी और पर्याप्त संख्या में नए केंद्र खोले जाएंगे, जिससे कि लोगों की परेशानी दूर हो सके।