नहीं थम रही AAP में रार, खैहरा और दिल्ली में जारी है 'कोल्ड वार'
विधानसभा में जहां विधायकों की आपसी गुटबाजी नजर आई वहीं, नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा व दिल्ली के बीच शीतयुद्ध (कोल्डवार) और तेज हो गया है।
नई दिल्ली/चंडीगढ़ [मनोज त्रिपाठी]। आम आदमी पार्टी के नेता एकजुट होने को लेकर भले ही जितनी बयानबाजी कर लें, लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं। मंगलवार को विधानसभा में जहां विधायकों की आपसी गुटबाजी नजर आई वहीं, नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा व दिल्ली के बीच शीतयुद्ध (कोल्डवार) और तेज हो गया है।
संगठन विस्तार की जिम्मेदारी सौंपने संबंधी आदेश जारी
खैहरा ने अपने साथ चल रहे मानसा के विधायक नाजर सिंह मानशहिया को चीफ व्हिप के पद पर तैनात करने को लेकर स्पीकर से मुलाकात की। साथ ही बठिंडा से विधायक रूपिंदर कौर रूबी व भदौड़ से विधायक पिरमल सिंह को व्हिप के पदों पर तैनात करवा दिया। इसकी जानकारी मिलते ही पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने चार दिन पुराने फैसले को नए सिरे से लागू करते हुए डा. बलबीर सिंह को पार्टी का सह प्रधान बनाकर एक बार फिर से संगठन विस्तार की जिम्मेदारी सौंपने संबंधी आदेश जारी कर दिए।
पंजाब को भरोसे में नहीं लिया गया
डा. बलबीर को संगठन विस्तार की जिम्मेवारी के साथ ही 21 सदस्सीय कोर कमेटी का एलान बीते गुरुवार को ही पार्टी के तत्कालीन उप प्रधान अमन अरोड़ा ने प्रेस वार्ता कर किया था। उसी शाम को अरविंद केजरीवाल द्वारा बिक्रम मजीठिया से नशे के आरोपों पर माफी मांगने के बाद उठे विवाद को देखते हुए उक्त फैसले को रद कर दिया गया था। खैहरा ने भी इसका विरोध किया था कि कोर कमेटी कम से कम सदस्यों की होनी चाहिए। उन्होंने खुलेआम कहा है कि पंजाब इकाई ने छह सदस्यों के नाम कोर कमेटी के लिए भेजे थे, लेकिन दिल्ली के नेताओं ने उसे छह से 21 कर दिया। इसके पहले पंजाब को भरोसे में नहीं लिया गया। इसलिए कोर कमेटी का कोई मतलब नहीं है।
विधायकों के खिलाफ होगी कार्रवाई
सत्र के बहिष्कार के मुद्दे पर पार्टी में सामने आई गुटबाजी पर खैहरा ने अनुशासनहीनता करने वालों पर एक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के भाषण का बायकाट न करने वाले विधायक अमरजीत सिंह व कुलतार सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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