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सुशील कुमार और अजय समेत 9 आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद अब मजबूत आरोप पत्र तैयार करने में जुटी क्राइम ब्रांच, पढ़िए क्या-क्या किया जा रहा शामिल

पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने गत दिनों जांच संबंधी पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद आला अधिकारियों को इस मामले में अपनी निगरानी में मजबूत आरोप पत्र तैयार कराने के निर्देश दिए। यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक व साइंटिफिक साक्ष्यों को अहम साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल करें।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 11:54 AM (IST)
सुशील कुमार और अजय समेत 9 आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद अब मजबूत आरोप पत्र तैयार करने में जुटी क्राइम ब्रांच, पढ़िए क्या-क्या किया जा रहा शामिल
फरार आरोपितों में कुछ सुशील के परिचित पहलवान व कुछ अलग अलग गैंगस्टरों के बदमाश हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में ओलंपियन सुशील कुमार व उसके खास सहयोगी अजय सहरावत समेत 9 आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच अब आरोप पत्र तैयार करने में जुट गई है। पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने गत दिनों जांच संबंधी पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद आला अधिकारियों को इस मामले में अपनी निगरानी में मजबूत आरोप पत्र तैयार कराने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक व साइंटिफिक साक्ष्यों को अहम साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल करें।

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सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में अभी 10 से अधिक आरोपित फरार है, जिन्हें पुलिस अबतक नहीं पकड़ पाई है। क्राइम ब्रांच के अधिकारी का कहना है कि उनकी तलाश में छापेमारी जारी है। फरार आरोपितों में कुछ सुशील के परिचित पहलवान व कुछ अलग अलग गैंगस्टरों के बदमाश हैं।

क्राइम ब्रांच अब तक 4 मई को वारदात वाली रात सुशील द्वारा पहने कपड़े और जिस बेसबॉल बेड से उसने सागर, सोनू व अन्य पहलवानों की बेरहमी से पिटाई की थी। उक्त दोनों अहम साक्ष्य को भी बरामद नहीं कर पाई। इतना ही नहीं सुशील के मोबाइल फोन को भी क्राइम ब्रांच बरामद नहीं कर पाई है। बताया जा रहा कि सुशील, पुलिसकर्मियों, पेशेवर अपराधी अथवा कानून के किसी जानकार से मार्गदर्शन मिलने पर इन अहम सुबूतों को तोड़कर या तो जला डाला अथवा गहरे पानी में फेंक दिया है। इन सुबूतों के बरामद नहीं कर पाने से आगे कोर्ट में ट्रॉयल के दौरान सुशील को इसका फायदा मिल सकता है। इतना ही नहीं छत्रसाल स्टेडियम में लगे 10 सीसीटीवी कैमरों में मार पिटाई की पूरी तस्वीरें कैद हो गई थी। घटना के बाद सुशील व अजय उक्त कैमरों के डीवीआर को भी स्टेडियम से उखाड़ कर लेकर चले गए थे। यह भी अहम सुबूत था। पुलिस इसे भी बरामद नहीं कर पाई है।

जानकारों की मानें तो दस दिनों तक रिमांड पर रखने के वावजूद इन सुबूतों को बरामद नहीं करना पुलिस की बहुत बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। इससे कहीं न कहीं आरोपितों को लाभ मिल सकता है। घटना के 18 दिन बाद 23 मई को स्पेशल सेल ने सुशील व अजय को मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास जिस स्कूटी के साथ गिरफ्तार किया था। वह स्कूटी महिला हैंडबॉल खिलाड़ी वरूनी नेगी की है। पुलिस ने अब जाकर उसे नोटिस भेजकर पूछा है कि उसने उक्त दोनों आरोपित को स्कूटी क्यों दी थी। घटना से एक दिन पहले जब सुशील व अजय उनके घर आए थे तब उसने पुलिस को उनके बारे में जानकारी क्यों नहीं दी।

अजय के काल डिटेल रिकार्ड से पता चला था कि वारदात के अगले दिन 5 मई की सुबह दस बजे जब वह सागर की मौत हो जाने की जानकारी मिलने के बाद सुशील के साथ स्टेडियम से भाग गया था तब सुभाष प्लेस थाने के इंस्पेक्टर प्रताप सिंह ने उसे दो बार फोन किया था। पता लगाया जा रहा है कि उन्होंने फोन क्यों किया था।


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