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दिल्ली-एनसीआर न्यूज : बिना किसी कारण लगातार बढ़ रही औद्योगिक क्षेत्र के लिए पीएनजी की दर

PNG Price Hike पीएनजी की दरों में इस बढ़ोतरी से उद्यमी खासे परेशान हैं। उद्यमियों ने अपने औद्योगिक संगठनों पर गैस आपूर्ति करने वाली कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार तक उनका पक्ष पहुंचाने की मांग की है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 03:23 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 03:26 PM (IST)
दिल्ली-एनसीआर न्यूज : बिना किसी कारण लगातार बढ़ रही औद्योगिक क्षेत्र के लिए पीएनजी की दर
दिल्ली-एनसीआर न्यूज : बिना किसी कारण के लगातार बढ़ रही औद्योगिक क्षेत्र के लिए पीएनजी की दर

नई दिल्ली/फरीदाबाद/सोनीपत/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। औद्योगिक क्षेत्रों में आपूर्ति होने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की दर लगातार बढ़ रही है। अदानी कंपनी ने गत दिवस पीएनजी की दर में चार रुपये प्रति स्टेंडर्ड क्यूबिक मीटर (एससीएम) की बढ़ोतरी की है। टैक्स लगाकर यह बढ़ोतरी 4.25 रुपये प्रति एससीएम है। पीएनजी की दरों में इस बढ़ोतरी से उद्यमी खासे परेशान हैं। उद्यमियों ने अपने औद्योगिक संगठनों पर गैस आपूर्ति करने वाली कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार तक उनका पक्ष पहुंचाने की मांग की है। बता दें कि एनसीआर के उद्योगों में ईंधन के रूप में सिर्फ पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) इस्तेमाल की ही अनुमति है। इसके चलते फरीदाबाद, गुरुग्राम,नोएडा, गाजियाबाद और सोनीपत में ज्यादातर उद्योग पीएनजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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गुरुग्राम से 15.8 रुपये प्रति एससीएम महंगी है फरीदाबाद में पीएनजी

दिल्ली और एनसीआर में पीएनजी की दरें अलग-अलग हैं। नोएडा-गाजियाबाद में पीएनजी की दर 48 रुपये प्रति एससीएम है तो फरीदाबाद में पीएनजी की दर 61.80 रुपये प्रति एससीएम है। इसी तरह गुरुग्राम में पीएनजी की दर 46 रुपये प्रति एससीएम ही है। फरीदाबाद में गुरुग्राम से 15.80 रुपये प्रति एससीएम सीएनजी महंगी है।

अतिरिक्त राशि वसूलना गलत : उद्यमी जेपी मल्होत्रा

इस बाबत उद्यमी जेपी मल्होत्रा का कहना है कि यदि न्यूनतम गारंटी से ज्यादा पीएनजी इस्तेमाल कर ली जाती है तो फिर 26 रुपये प्रति एससीएम अतिरिक्त राशि वसूली जाती है। यह गलत है। कोविड संकट के दौरान उद्यम अपने उद्योग में उत्पादन की गारंटी नहीं दे सकता।

अलग से आ रही लागत से बढ़ी मुश्किल :  नरेंद्र अग्रवाल

वहीं, नरेंद्र अग्रवाल (चेयरमैन, पर्यावरण पैनल) का कहना है कि पीएचडी चेंबर, हरियाणा पर्यावरण संरक्षण के लिए एनसीआर में सभी उद्योगों के लिए ईंधन के रूप में पीएनजी अनिवार्य कर दी है। ऐसे में उद्योगों में परंपरागत ईंधन के संयंत्रों को पीएनजी पर बदला जा रहा है। इसमें भी अलग से लागत आती है। सरकार को चाहिए कि पीएनजी की दर कम से कम रखी जाए, ताकि उद्योगों में इसके प्रति आकर्षण बढ़े।

ग्रेप लागू होने पर पीएनजी की अनिवार्यता से भी उद्यमी नाराज

एनसीआर में 15 मार्च तक प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू है। इसके चलते एनसीआर के उद्यमी परंपरागत ईंधन का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इतना ही नहीं हरियाणा के 22 में से 14 जिला एनसीआर में शामिल हैं। इन 14 जिलों में से आठ में पीएनजी की लाइन ही नहीं बिछी हैं। इसके चलते पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव से मुलाकात कर आठ जिलों को पीएनजी की अनिवार्यता से तब तक छूट की मांग की थी जब तक कि इनमें पीएनजी की लाइन नहीं बिछ जाए। इसके अलावा सीएम ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से एनसीआर के जिलों खासतौर पर करनाल और कैथल में धान की भूसी जलाने की अनुमति देने का भी आग्रह किया था।


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