दिल्ली के वायु प्रदूषण पर प्रधानमंत्री कार्यालय भी चिंतित, योजना पर हुई चर्चा
पीएमओ को बताया गया कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जा चुका है। दो माह से सीपीसीबी की 40 टीमें नियमित तौर पर दिल्ली की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली के वायु प्रदूषण पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी चिंतित है। यही वजह है कि बृहस्पतिवार शाम पीएमओ ने इस पर बैठक ही नहीं बुलाई, बल्कि स्थिति की नजाकत और बेहतरी के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी भी ली। साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को विशेष निगरानी और प्लान बनाने का निर्देश दिया।
ऐसे हालात क्यों बने
सूत्रों के मुताबिक बैठक में पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा और सीपीसीबी के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार, दिल्ली के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पहले सीपीसीबी से दिल्ली-एनसीआर के हालात पर विस्तार से जानकारी ली गई। पूछा गया कि अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं और आगे की क्या योजना है। यह मुद्दा भी उठा कि जब दिल्ली में पिछले साल भी ऐसा स्मॉग था तो इस बार फिर ऐसे हालात क्यों बने।
ग्रेप लागू करने में भी हीलाहवाली
पीएमओ को बताया गया कि 17 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जा चुका है। दो माह से सीपीसीबी की 40 टीमें नियमित तौर पर दिल्ली की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। यह रिपोर्ट कार्रवाई के लिए रोज दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और हर सप्ताह दिल्ली सरकार एवं उपराज्यपाल को भेजी जाती है। बैठक में यह बात भी सामने आई कि सीपीसीबी की रिपोर्ट पर दिल्ली सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और ग्रेप लागू करने में भी हीलाहवाली हो रही है।
दैनिक जागरण से बातचीत में सीपीसीबी के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार ने बैठक की पुष्टि की। उन्होंने बैठक के बारे में अधिक कुछ बताने से इन्कार कर दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि सीपीसीबी अपना काम कर रहा है और हर निर्देश का पालन किया जाएगा।
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