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जानिए- क्या है नेशनल वॉर मेमोरियल से 22 हजार से अधिक सैनिकों का रिश्ता

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक आजादी के बाद से विभिन्न युद्धों में शहीद होने वाले 22600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 03:32 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 12:55 PM (IST)
जानिए- क्या है नेशनल वॉर मेमोरियल से 22 हजार से अधिक सैनिकों का रिश्ता
जानिए- क्या है नेशनल वॉर मेमोरियल से 22 हजार से अधिक सैनिकों का रिश्ता

नई दिल्‍ली, जेएनएन। जम्‍मू और कश्‍मीर में हालिया हुए पुलवामा हमले के बाद देश में हर तरफ सैनिकों की बात हो रही है। वहीं दिल्‍ली में 22 हजार से ज्‍यादा सैनिकों के सम्‍मान में एक राष्‍ट्रीय युद्ध समारक बनाया गया है।176 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को करेंगे।

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लंबे वक्त से राजनीतिक और प्रशासकीय उदासीनता का शिकार होते आए वॉर मेमोरियल को 60 साल पहले ही प्रस्तावित किया गया था। वार मेमोरियल का उद्घाटन पिछले साल 15 अगस्त 2018 को ही होना था, पर समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण इसको टाल दिया गया था।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक आजादी के बाद से विभिन्न युद्धों में शहीद होने वाले 22600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। केंद्र की सरकार ने अक्टूबर 2015 में इसके लिए ये धनराशि स्वीकृत की थी। वार मेमोरियल सैन्य बलों की लंबे अर्से से लंबित भावुक मांग को पूरा करेगा। इसमें उन्होंने सालों तक इसे दिल्ली से बाहर कहीं शिफ्ट किए जाने का विरोध किया।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार दुनिया के प्रमुख देशों में भारत शायद एकमात्र ऐसा देश था जिसके पास वार मेमोरियल नहीं था। इससे पहले प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए 84000 भारतीय जवानों की याद में अंग्रेज शासकों ने इंडिया गेट बनवाया थ। बाद में 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी। अधिकारियों का कहना है कि नेशनल वार मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है ताकि राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो।

अधिकारी ने बताया कि इसकी शुरुआती लागत करीब 350 करोड़ रुपये है और इसे तैयार होने में कुछ साल लगेंगे। इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ शाश्वत लौ भी जलती रहेगी, जो दर्शाता है कि सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता है। केंद्रित गोलाकार डिजाइन में बनाया गया यह स्मारक लगभग 40 एकड़ में फैला है और इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है।


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