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हिंदू मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह की अनुमति न देनें की मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंचा मामला

Delhi High Court News दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई है जिसमें यह मांग की गई है कि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देने की मांग की गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 04:14 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:27 PM (IST)
हिंदू मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह की अनुमति न देनें की मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंचा मामला
हाई कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई है।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई है जिसमें यह मांग की गई है कि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देने की मांग की गई है। इस याचिका में यह बताया गया है कि हिंदू धर्म में प्राचीन काल से केवल एक पुरुष और महिला के बीच विवाह बंधन में बंधने की अनुमति है।

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यह भी बताया कि हिंदू धर्म में शादियां काफी हद तक उनके धर्म और देवों के बताए रास्तों के अनुसार ही होती है इस कारण इसका एक अलग भावनात्मक महत्व होता है। ऐसे में समलैंगिक विवाह की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बता दें कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के पास सेवा नयन उत्तन फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हो रही है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए तीन फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। इस तारीख पर समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग को लेकर मुख्य याचिका पर सुनवाई होनी है।

आवेदन में कहा गया है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत समान लिंग विवाह की मांग करने वाली याचिका हिंदू विवाह की धार्मिक व्यवस्था के खिलाफ है। यह परिवर्तन विरासत, गोद लेने और धार्मिक पारिस्थितिकी तंत्र जैसे अन्य पहलुओं को प्रभावित करेगा। अधिवक्ता संजीव नेवार और स्वाति गोयल शर्मा के माध्यम से दाखिल आवेदन में दलील दी गई कि ऐसी शादियों को या तो विशेष विवाह अधिनियम जैसे धर्मनिरपेक्ष कानून के तहत पंजीकृत किया जाना चाहिए या मुस्लिम विवाह कानून जैसे धार्मिक कानूनों के तहत अनुमति दी जानी चाहिए। आवेदन के तहत वेदों ( हिंदू धर्म की स्त्रोत पुस्तक) के अनुसार विवाह कुछ सांसारिक और धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए केवल एक पुरुष और एक महिला के बीच होता है।


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