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दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर फिल्म बनाने वाले निर्माताओं को हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस, मांगा जवाब

याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने फिल्म निर्माताओं को नोटिस जारी कर 24 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका के अनुसार सुशांत के जीवन पर आधारित आगामी या प्रस्तावित फिल्मों में न्याय- द जस्टिस आत्महत्या या हत्या ए स्टार वास लास्ट शशांक हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 07:49 PM (IST)
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर फिल्म बनाने वाले निर्माताओं को हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस, मांगा जवाब
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बेटे का नाम या उसकी पसंद को प्रस्तावित फिल्मों में इस्तेमाल करने से रोकने की मांग को लेकर दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह द्वारा याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने विभिन्न निर्माताओं से जवाब मांगा है। याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने फिल्म निर्माताओं को नोटिस जारी कर 24 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका के अनुसार सुशांत के जीवन पर आधारित आगामी या प्रस्तावित फिल्मों में न्याय- द जस्टिस, आत्महत्या या हत्या: ए स्टार वास लास्ट, शशांक हैं। 

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अधिवक्ता अक्षय देव, वरुण सिंह, अभिजीत पांडे के माध्यम से दायर याचिका में न्याय आगामी जून में रिलीज होने वाली है, जबकि आत्महत्या और हत्या: ए स्टार वास लास्ट और शशांक की शूटिंग शुरू हो चुकी है। याचिका में आरोप लगाया है कि फिल्म निर्माता स्थिति का लाभ उठाने के लिए इस तरफ की फिल्म बना रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें अंदेशा है कि इस तरह की विभिन्न नाटक, फिल्में, वेब-सीरीज, किताबें, साक्षात्कार या अन्य सामग्री प्रकाशित हो सकती है, जो उनके बेटे या उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने इसके लिए दो करोड़ रुपये के मुआवजा की फिल्म निर्माताओं से मांग गकी है। उन्होंने याचिका में यह भी दावा किया कि फिल्म, वेब-सीरीज, बुक या समान प्रकृति की किसी भी अन्य सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने की अनुमति दी जाती है तो यह उनके व दिवंगत अभिनेता सुशांत के अधिककार काे प्रभावित करेगा।

उन्होंने दलील दी कि सुशांत एक जानी-मानी हस्ती थे और उनके नाम व छवि का दुरुपयोग कर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने मांग की कि फिल्म निर्माताओं के साथ-साथ किसी और को भी उनके बेटे का नाम, कैरिकेचर, जीवनशैली का उपयोग करने से रोकने का निर्देश दिया जाए।


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