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Delhi Metro News: 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ दौड़ रही दिल्ली मेट्रो पर उठे सवाल, दायर हुई याचिका

Delhi Metro News दिल्ली मेट्रो द्वारा संचालित ट्रेनों के साथ-साथ दिल्ली परिवहन निगम की बसों को 50 फीसद सीटिंग क्षमता के साथ संचालित किया जाए। इसके साथ 50 फीसद यात्रियों को खड़े होकर सफर करने की अनुमति प्रदान की जाए।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 11:12 AM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 11:17 AM (IST)
Delhi Metro News: 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी के साथ दौड़ रही दिल्ली मेट्रो पर उठे सवाल, दायर हुई याचिका
Delhi Metro News: 100 फीसद सिटिंग कैपिसिटी साथ दौड़ रही दिल्ली मेट्रो पर उठे सवाल, दायर हुई याचिका

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली मेट्रो में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति देने के साथ डीटीसी व क्लस्टर बसों में भी यात्रियों के खड़े होने पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। अधिवक्ता एसबी त्रिपाठी ने याचिका दायर कर कहा कि इससे शारीरिक दूरी के नियमों को तोड़ने का बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मेट्रो व बसों में 50 फीसद बैठने की क्षमता के साथ ही खड़े होने की अनुमति देने के संबंध में दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की है। मामले में 17 अगस्त को सुनवाई होगी।

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याचिका में दलील दी गई है कि मेट्रो और बसों में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति देकर दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के खतरे की अनदेखी की है। एसबी त्रिपाठी ने दिल्ली सरकार के एक अन्य आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें सरकार ने सभी रेस्तरां, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स आदि को 50 फीसद बैठने की क्षमता पर चलने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे में दिल्ली सरकार के पास दिल्ली में परिवहन सेवाओं के लिए अलग नियम बनाने का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मेट्रो व बसों में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति दी तो कोरोना महामारी की अनुमानित तीसरी लहर समय से पहले आ सकती है।

एसबी त्रिपाठी की ओर से याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली मेट्रो द्वारा संचालित ट्रेनों के साथ-साथ दिल्ली परिवहन निगम की बसों को 50 फीसद सीटिंग क्षमता के साथ संचालित किया जाए। इसके साथ 50 फीसद यात्रियों को खड़े होकर सफर करने की अनुमति प्रदान की जाए।   

दिल्ली हाई कोर्ट में दायर इस याचिका दायर में एसबी त्रिपाठी की ओर से दिल्ली सरकार के मेट्रो के साथ-साथ डीटीसी और राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाली क्लस्टर बसों में 100 फीसद बैठने की क्षमता की अनुमति देने के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि दिल्ली मेट्रो में 100 फीसद सिटिंग क्षमता के साथ अनुमति देने के साथ खड़े होकर सफर करने की अनुमति नहीं दी गई है। यह शारीरिक दूरी के नियमोें का उल्लंघन करने वाला फैसला है।

एडवोकेट एसबी त्रिपाठी ने याचिका में दिल्ली सरकार को 50 फीस बैठने की क्षमता वाली दिल्ली मेट्रो और बसों को चलाने की अनुमति देने और यात्रियों को खड़े होने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया गया है। अब हाई कोर्ट 17 अगस्त को याचिका पर सुनवाई करेगा। बता दें कि जुलाई के अंतिम सप्ताह से दिल्‍ली मेट्रो 100 फीसद क्षमता के साथ चलने लगी है।

दिल्ली मेट्रो में यात्री खड़े होकर नहीं कर रहे सफर

बेशक दिल्ली मेट्रो अपनी 100 फीसदी क्षमता यानी फुल-सीटिंग कैपेसिटी के साथ शुरू हो गई है, लेकिन इसके बावजूद एक बोगी में एक साथ 50 यात्री ही सफर कर रहे हैं।

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बता दें कि किसी भी यात्री को दिल्ली मेट्रो में खड़े होकर सफर की अनुमति नहीं दी है। डीएमआरसी (DMRC) के मुताबिक, कोरोना की रोकथाम को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस का पालन पूरी तरह से कराया जा रहा है। शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने और मास्क नहीें लगाने पर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस 2000 रुपये तो दिल्ली मेट्रो में 200 रुपये का चालान किया जा रहा है।

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