प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिवस पर पूसा संस्थान में लगाए गए 75 पौधे, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेस
पश्चिमी दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा संस्थान में 75 पौधे लगाए। उन्होंने पौधारोपण को संस्कृति से जुड़ा और जलवायु परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण बताया। वैज्ञानिकों और छात्रों ने भी भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कागज़ी नींबू अमरूद और आम के पौधे लगाए गए जिसका उद्देश्य हरित क्रांति और स्थायी विकास को बढ़ावा देना है।

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिवस पर पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य ने मिलकर 75 पौधे लगाए गए। पौधारोपण में केंद्रीय कृषि मंत्री को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा एमएल जाट, पूसा संस्थान के निदेशक डा. सीएच श्रीनिवास राव सहित अनेक विज्ञानियों व अधिकारियों का साथ मिला।
इस अवसर पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिवस पर हम सभी यह संकल्प लें कि एक पेड़ मां के नाम अवश्य लगाएँ। पौधारोपण न केवल हमारी संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हुआ है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं। ये हमें प्राणवायु प्रदान करते हैं, मिट्टी का कटाव रोकते हैं, जलस्तर को बनाए रखते हैं और वातावरण में मौजूद कार्बन को अवशोषित कर धरती के संतुलन को बनाए रखते हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. एमएल जाट ने कहा कि धरती मां की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है। प्रत्येक नागरिक को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाए और उसकी देखभाल करे। पेड़ केवल छाया और फल नहीं देते, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन का सुरक्षा कवच हैं।
लगाए गए पौधे
पौधारोपण के दौरान कागज़ी नींबू, पूसा अरूषि किस्म के अमरूद, आम की पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा प्रजाति के पौधे लगाए गए। पूसा संस्थान के निदेशक ने कहा कि यह पौधारोपण केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक ठोस कदम है। कार्यक्रम में उपस्थित विज्ञानियों और छात्रों ने भी पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और यह संकल्प लिया कि वे समाज को हरित क्रांति और स्थायी विकास की दिशा में प्रेरित करेंगे।
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