पीएचडी की डिग्री लेकर जब नौकरी के लिए किया आवेदन तो सामने आयी चौंकाने वाली सच्चाई Hapur News
एक महिला चिकित्सक के एक साथी को पीएचडी की डिग्री फर्जी देने के आरोप में न्यायालय ने कोतवाली पुलिस को चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए है।
हापुड़, जेएनएन। चार लोगों ने मिलकर एक महिला के परिचित से पांच लाख रुपये लेकर पीएचडी की फर्जी डिग्री थमा दी। उस डिग्री के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया तो डिग्री फर्जी होने की जानकारी मिली। थाना स्तर से सुनवाई न होने पर महिला ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने कोतवाली पुलिस को तीन नामजद समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
पिलखुवा के स्टेलर उपवन सोसाइटी निवासी निशा रावत ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि देवेंद्र भगेल उनके परिचित हैं। देवेंद्र को पीएचडी करनी थी। इस बाबत देवेंद्र भगेल ने उनसे संपर्क किया। निशा रावत ने बताया कि उन्होंने अपने परिचित शेंद्रपाल निवासी मोहल्ला सनी नगर खतौली जिला मुजफ्फरनगर से संपर्क किया।
शेंद्रपाल सिंह शिक्षा संस्था विद्या भारती एजुकेशन ट्रस्ट मोदीपुरम मेरठ के नाम से चलाता है। संस्था में शेंद्रपाल के अलावा प्रदीप, कुलदीप व एक अज्ञात शर्मा नामक व्यक्ति भी साझेदार है। इन लोगों ने देवेंद्र को अपनी संस्था से पीएचडी कराने का झांसा दिया। इसकी एवज में पांच लाख रुपये मांगे। देवेंद्र ने दो लाख रुपये और निशा रावत ने चेक द्वारा तीन लाख रुपये आरोपितों को दिए।
आरोप है कि आरोपितों ने देवेंद्र भगेल को पीएचडी की फर्जी डिग्री दे दी। इसका पर्दाफाश तब हुआ जब उन्होंने डिग्री के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया। निशा रावत आरोप है कि थानेदार से लेकर पुलिस अधीक्षक ने उनकी सुनवाई नहीं। जिसके चलते न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। कोतवाली प्रभारी राजपाल सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन कर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।