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Agneepath Scheme: दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश, पहले अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर होगी सुनवाई

Agneepath Scheme मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अग्निपथ योजना मुख्य मामला और हम पहले इसे ही सुनेंगे।अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता पर अदालत के निर्णय का अन्य मामलों पर कुछ प्रभाव पड़ेगा।

By Vineet TripathiEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Fri, 18 Nov 2022 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 07:13 PM (IST)
Agneepath Scheme: दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश, पहले अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर होगी सुनवाई
Agneepath Scheme: ऐसे में वह पहले योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेंगे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि अदालत पहले सीधे तौर पर अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी और इसके बाद योजना के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती प्रक्रियाओं को रद करने से जुड़ी याचिकाओं पर विचार करेगी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अग्निपथ योजना मुख्य मामला और हम पहले इसे ही सुनेंगे।अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता पर अदालत के निर्णय का अन्य मामलों पर कुछ प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में वह पहले योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेंगे।

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अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी

साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुई अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी को योजना को सीधे चुनौती देने और भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ी याचिकाओं को अलग करने काे कहा।पीठ ने कहा कि वह मामले को लंबे समय के लिए स्थगित नहीं करेगी और इस पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। अदालत ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई पर अदालत याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण इस सुझाव पर भी विचार करेगी कि क्या मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन के आधार पर की जानी चाहिए।

अदालत में इन 24 याचिकाओं पर सुनवाई

वहीं, पीठ ने केंद्र सरकार द्वारा दाखिल जवाब पर कहा कि सरकार का जवाब केवल अग्निपथ योजना तक ही सीमित है और अन्य याचिका से संबंधित नहीं है।ऐसे में अगर सरकार अपने जवाब में कुछ जोड़ना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है। अन्य पक्षों को भी कोई अतिरिक्त उत्तर या प्रत्युत्तर दाखिल करने की अनुमति दी गई थी।अदालत अग्निपथ योजना और सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी 24 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।एक बैच में जहां अग्निपथ योजना को सीधे चुनौती दी गई है।

युवाओं को चार साल के लिए सेना में शामिल करने का प्रस्ताव

दूसरे बैच में कहा गया है कि योजना के बावजूद भर्ती प्रक्रिया चल रही थी लेकिन पूरी नहीं हुई। वहीं, तीसरे बैच का कहना है कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अभी तक भर्तियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। अग्निपथ योजना में युवाओं को चार साल के लिए भारतीय सेना में शामिल करने का प्रस्ताव है। इस अवधि के बाद चयनित उम्मीदवारों में से केवल 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में जारी रखा जाएगा, जबकि शेष को सशस्त्र बलों में नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा।

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