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भूख से होने वाली मौत को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर, नीति बनाने की मांग

याचिका में जुलाई में तीन बच्चियों की मौत का हवाला दिया गया था, जिनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भूख को मौत का कारण बताया गया था।

By Edited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 07:07 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 07:34 PM (IST)
भूख से होने वाली मौत को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर, नीति बनाने की मांग
भूख से होने वाली मौत को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर, नीति बनाने की मांग

नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी में भूख से होने वाली मौत की घटनाओं को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने इसके जरिये केंद्र व दिल्ली सरकार को ऐसी घटनाएं रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की है। अब 15 नवंबर को मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई होगी।

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राशन कार्ड भी नहीं हैं
दरअसल, अधिवक्ता मनीष पाठक ने इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याची को पहले हाई कोर्ट जाने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसमें कहा गया कि भूख से मौत की ज्यादातर घटनाएं झुग्गियों में रहने वालों के साथ होती हैं, क्योंकि उनके पास सस्ती दरों पर राशन पाने के लिए राशन कार्ड भी नहीं हैं।

नीति बनाने की मांग
याचिका में जुलाई में तीन बच्चियों की मौत का हवाला दिया गया था, जिनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भूख को मौत का कारण बताया गया था। याचिका के अनुसार, झुग्गियों में रहने वालों के पास आवासीय प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण उनका राशन कार्ड नहीं बन पाता है। आवासीय प्रमाण पत्र नहीं होना किसी को रियायत दर पर राशन देने से इनकार करने का आधार नहीं होना चाहिए। संविधान के तहत राशन उपलब्ध कराने में शर्त लगाना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने गरीब नागरिकों को पौष्टिक खाना व पानी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के संबंध में नीति बनाने की भी मांग की।


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