Move to Jagran APP

Kisan Andolan: बॉर्डर पर मना है पक्का निर्माण, फिर भी नहीं मान रहे प्रदर्शकारी; जानें- किसानों की इस हरकत की असली वजह

Kisan Andolan कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर भी पक्का निर्माण करना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस की ओर से बार-बार मना करने के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर पेट्रोल पंप के सामने बैरिकेड के पास यह निर्माण किया जा रहा है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 08:08 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 08:43 AM (IST)
Kisan Andolan: बॉर्डर पर मना है पक्का निर्माण, फिर भी नहीं मान रहे प्रदर्शकारी; जानें- किसानों की इस हरकत की असली वजह
आम जनता के बीच किसान प्रदर्शनकारियों की छवि खराब होती जा रही है।

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि/सोनू राणा]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की पूरी तरह से वापसी को लेकर दिल्ली-हरियाणा और यूपी के बॉर्डर पर जुटे किसान प्रदर्शनकारियों की हताशा और निराशा साफ-साफ नजर आने लगी है। वहीं, पिछले कई महीने से किसान प्रदर्शनकारी इस तरह की हरकतें कर रहे हैं और हिंसा समेत कई अन्य चीजों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे आम जनता के बीच किसान प्रदर्शनकारियों की छवि विलेन की बनती जा रही है।

loksabha election banner

दरअसल, किसान प्रदर्शनकारियों के इस तरह की हरकतें करने के पीछे किसान संगठनों के नेताओं के गलत बयान हैं। ताजा घटनाक्रम में कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर भी पक्का निर्माण करना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस की ओर से बार-बार मना करने के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर पेट्रोल पंप के सामने बैरिकेड के पास यह निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, इस बार यह निर्माण ईटों के बजाय सीमेंट के ब्लॉक से किया जा रहा है। इसके लिए हाईवे की खोदाई कर लोहे के मोटे पाइपों का खांचा तैयार कर दिया गया है।

मेरठ से बुलाए गए कारीगर

कहा जा रहा है कि शुक्रवार को इनमें सीमेंट के ब्लॉक लगा दिए जाएंगे और शनिवार को एसी लगाकर इसे रहने लायक बना दिया जाएगा। इसके लिए मेरठ से कारीगर भी बुलाए गए थे। प्रदर्शनकारियों की ओर से यहां पर जो भी टेंट बनाया जा रहा है उसमें प्लास्टिक या फोम लगा सकते हैं।

दिल्ली पुलिस का बयान, न माने तो होगी कार्रवाई

वहीं, इस बाबत राजीव रंजन (पुलिस उपायुक्त बाहरी-उत्तरी जिला) का कहना है कि किसान प्रदर्शनकारियों को यहां पर सिर्फ टेंट लगाने की ही इजाजत है, पक्का निर्माण करने की नहीं। हाईवे पर अगर पक्का निर्माण करने की कोशिश की गई तो कार्रवाई की जाएगी।

केस होने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने कुंडली बॉर्डर पर किया पक्का निर्माण

वहीं, सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी नियम-कानूनों को पूरी तरह से ठेंगा दिखा रहे हैं। धरनास्थल के पास जीटी पर किए जा रहे पक्के निर्माण के खिलाफ केस दर्ज होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने गुपचुप तरीके से निर्माण पूरा कर लिया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने पक्की छत नहीं डाली है, बल्कि टिन की चादरें छत के तौर पर इस्तेमाल की हैं। अब पुलिस इसे हटाने की बात कह रही है। कुंडली बार्डर पर पिछले महीने पंजाब से आए एक गुट ने ईट व सीमेंट से जीटी रोड पर तीन-चार कमरे का भवन निर्माण शुरू कर दिया था। भवन की दीवारें करीब आठ फीट ऊंची खड़ी हो चुकी थीं, इसके बाद सूचना मिलने पर पुलिस ने निर्माण रुकवा दिया था और एनएचएआइ की शिकायत पर रोड के ऊपर पक्का निर्माण करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। हालांकि, एफआइआर दर्ज होने के बाद इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई और प्रदर्शनकारियों ने निर्माण पूरा कर लिया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि गर्मी के प्रकोप को देखते हुए महिला व बच्चों के लिए यह निर्माण किया गया है।मामले की सूचना मिलने पर गुरुवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के नेताओं के साथ बैठक की और निर्माण के संबंध में चेतावनी दी जिसके बाद नेताओं ने भविष्य में पक्का निर्माण नहीं करने का आश्वासन दिया है।

वहीं, जशनदीप सिंह रंधावा (पुलिस अधीक्षक, सोनीपत) कहना है कि निर्माण को लेकर संयुक्त मोर्चा के सदस्यों साथ बैठक की गई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह का कोई भी पक्का निर्माण नहीं होगा, जो पक्का निर्माण किया गया है, इसे हटवाया जाएगा।

राकेश टिकैत देते रहते हैं भड़काऊ बयान

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार किसानों को भड़काने वाला बयान देते रहे हैं। वह कई बार कह चुके हैं कि यूपी बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान पक्का निर्माण करेंगे। वहीं, भोले-भाले किसान अपने नेताओं के बयान को गंभीरता से लेते हुए पक्का निर्माण शुरू कर देते हैं। यह अलग बात है कि संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी बयान जारी कर किसान प्रदर्शनकारी से पक्का निर्माण नहीं करने की अपील कर चुके हैं। 

गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (टीकरी, सिंघु, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर 28 नवंबर से ही तीनों कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं। उनका कहना है कि वह तीनों कृषि कानूनों को वापस कराकर ही यहां से उठाएं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.