अनधिकृत कॉलोनियों में रहने लोगों का 15 साल का हाउस टैक्स होगा माफ, मगर इस शर्त के साथ
दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने अनधिकृत कॉलोनियों के रिहायशी संपत्ति मालिकों का वर्ष 2018-19 तक का बकाया संपत्तिकर के साथ ब्याज व जुर्माना माफ कर दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले संपत्ति मालिकों को निगम ने बड़ी सौगात दी है। निगम ने अनधिकृत कॉलोनियों के रिहायशी संपत्ति मालिकों का वर्ष 2018-19 तक का बकाया संपत्तिकर के साथ ब्याज व जुर्माना माफ कर दिया है। इतना ही नहीं इन कॉलोनियों में व्यावसायिक संपत्ति मालिकों को केवल तीन वर्ष का बकाया संपत्तिकर ही जमा कराना होगा। 31 मार्च तक यह संपत्तिकर जमा कराने पर ही लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। हालांकि, जो लोग 31 तक जमा नहीं कराएंगे उनसे ब्याज व जुर्माने के साथ संपत्तिकर वसूला जाएगा।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम महापौर सुनीता कांगड़ा ने बताया कि आम माफी योजना के तहत अनधिकृत कॉलोनियों को भी पहली बार शामिल किया गया है। इसमें रिहाइशी संपत्ति मालिकों को वर्ष 2019-20 का संपत्तिकर जमा करने पर वर्ष 2004 से लेकर 2018-19 तक बकाया संपत्तिकर और ब्याज व जुर्माना भी पूरी तरह माफ हो जाएगा। वहीं व्यावसायिक संपत्ति धारकों को वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 तक का बकाया जमा कराने पर वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2016-17 तक का बकाया संपत्तिकर के साथ ब्याज और जुर्माना माफ हो जाएगा।
दो हजार करोड़ रुपये का निगम पर पड़ेगा बोझ
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम आम माफी योजना का लाभ करीब 9 लाख संपत्ति मालिकों को होगा। दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पूर्व केंद्र सरकार ने पीएम उदय योजना के तहत दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में बनी 40 लाख संपत्ति मालिकों को मालिकाना हक देने बिल पास किया था। इस बिल के तहत दक्षिणी दिल्ली में करीब 9 लाख संपत्तियां आती है। जिनकों इस योजना लाभ 31 मार्च तक संपत्तिकर जमा करने पर ही मिलेगा। इससे निगम पर करीब दो हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। दक्षिणी निगम की नेता सदन कमलजीत सहरावत ने भी बजट में भी इस योजना की घोषणा की थी।
पार्षदों के माध्यम से लगाए जाएंगे विशेष कैंप
महापौर सुनीता कांगड़ा ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए पार्षदों के माध्यम से विशेष कैंप लगाए जाएंगे। इससे अनधिकृत कॉलोनियों के करदाता भी संपत्तिकर जमा करने की मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे। इस योजना से एक तरफ करदाताओं को भारी राहत होगी, वहीं निगम को उम्मीद है कि करदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। इससे राजस्व में वृद्धि होगी और करदाताओं का डाटा भी अपडेट होगा। उल्लेखनीय वर्ष 2018-19 में दक्षिणी निगम को 4.50 लाख संपत्तिकर धारकों से 945 करोड़ का राजस्व मिला था।