दिल्ली में ढहाए जा रहे 50 मकान, विरोध करने पर विधायक लिए गए थे हिरासत में; पुलिस ने लगाई धारा-144
ईस्ट लक्ष्मी मार्केट इलाके के अवैध मकानों को खाली कराए जाने के विरोध में सोमवार को स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मास्टर प्लान रोड के किनारे ईस्ट गुरु अंगद नगर से सटे ईस्ट लक्ष्मी मार्केट में अवैध रूप से बने मकानों पर भारी विरोध के बीच बुलडोजर चला। पूर्वी निगम और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की संयुक्त टीमों ने पांच बुलडोजरों की मदद से यहां बनीं 20 इमारतों को तोड़ दिया। अभी यह कार्रवाई दो दिन और चलेगी, यहां के 56 मकान ढहाए जाने हैं। इस कार्रवाई का स्थानीय लोगों ने भारी विरोध किया, महिलाएं बुलडोजर के सामने लेट गईं। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद कार्रवाई शुरू हुई।
यहां यह गौरतलब है कि जहां आज नाले पर मास्टर प्लान रोड बना है पहले वहां खुला कच्चा नाला होता था, उससे वर्षों पहले यहां नहर होती थी। कई दशक पहले कुछ लोगों ने नाले के किनारे झुग्गियां डाल लीं और बाद में मकान बन गए। इन अवैध मकानों के खिलाफ 2011 में ईस्ट गुरु अंगद नगर की सीनियर सिटीजन रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने कोर्ट में केस डाला गया था।
हाइकोर्ट ने 2015 में इसे तोड़ने का आदेश दिया। जिससे ईस्ट लक्ष्मी मार्केट के निवासी भी कोर्ट चले गए, लेकिन कोर्ट में यहां के निवासी मालिकाना हक साबित नहीं कर पाए। कोर्ट ने यहां 200 मीटर की लंबाई और 20 फीट चौड़ाई में कार्रवाई करने के आदेश दिया।
निगम ने स्थानीय लोगों को 12 दिन पहले नोटिस भेज कर तीन दिन के अंदर मकान खाली करने को कहा, लेकिन लोगों ने मकान खाली नहीं किया। सोमवार को निगम व पीडब्लयूडी का भारी भरकम दस्ता सोमवार सुबह 11 बजे ही पहुंच गया। मास्टर प्लान रोड पर खुरेजी और चित्रा विहार लाल बत्ती के बीच आवाजाही बंदकर दी गई। लोगों ने भारी विरोध करना शुरू कर दिया। जब बुलडोजर आगे बढ़ा तो महिलाएं बुलडोजर के आगे लेट गईं।
मौके पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रोहित राजवीर सिंह व दिनेश गुप्ता भी पहुंचे। कार्रवाई रुकवाने के लिए पूर्व पार्षद और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गुरचरण ¨सह राजू और कोंडली के विधायक कुलदीप कुमार व आप नेता दीपक सिंगला भी पहुंचे।
नेताओं के पहुंचने से प्रदर्शन और उग्र होने लगा। जिससे थानाध्यक्ष महेंद्र मिश्रा ने अचानक सख्ती दिखाते हुए लोगों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया और इसी बीच निगम अधिकारियों को कार्रवाई करने को कहा। जिससे निगम के चार बुलडोजर एक साथ मकानों को ढहाने में लगे और बाद में एक और बुलडोजर आ गया। शुरुआत के मकानों में रहने वाले लोगों को सामान निकालने का भी मौका नहीं मिला। जैसे ही बुलडोजर चलना शुरू हुआ, पुलिस ने विधायक व AAP नेता को भी हिरासत में ले लिया, लेकिन उन्हें थोड़ा आगे लेजाकर छोड़ दिया। पुलिस ने मौके पर धारा 144 का बैनर भी टांग दिया। जिससे बिना विरोध कार्रवाई हुई। कई लोगों ने अपने घरों का सामान निकाल कर सड़क पर ही रख लिया लेकिन कुछ समय बाद हुई बारिश में उनका सामान भीग गया। लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार झुग्गी वालों को मकान दे रही है लेकिन 40 साल से मकान में रहने वालों को महामारी काल में बेघर कर दिया गया।
भाजपा का कोई नेता इन गरीबों की मदद के लिए नहीं आया। जबकि केंद्र व निगम में इनकी सरकार है।इन्हें बेघर कर दिया गया और वे आराम से बैठे हैं।
कुलदीप कुमार, विधायक का कहना है कि लोगों का बेघर होना दुखद है लेकिन यह कोर्ट का आदेश है। अब दिल्ली सरकार को आगे आना चाहिए। मेरा दिल्ली सरकार से आग्रह है कि जिस तरह अन्य झुग्गी वासियों को घर दिए जा रहे हैं उसी तरह इन्हें दिएं जाएं।