महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद हंगामा, इलाज में लारवाही का आरोप
परिजनों का कहना है कि इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की हालत और बिगड़ गई, नाक से खून निकलने लगा और कुछ ही देर में उसकी की मौत हो गई।
नई दिल्ली [जेएनएन]। बवाना इलाके के पूठ खुर्द स्थित दिल्ली सरकार के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत से नाराज परिजनों ने जमकर हंगामा किया। लोगों ने अस्पताल के सामने शाहबाद डेरी-बवाना मुख्य रोड को जाम कर दिया। लोगों ने बच्चे के शव के साथ प्रदर्शन किया। जाम के कारण तीन घंटे तक यातायात बाधित रहा।
इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप
हंगामे की सूचना के बाद रोहिणी जिला पुलिस के कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस को हंगामा कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। इसके बाद दोपहर बाद 3 बजे जाम को खुलवाया जा सका। परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के होगी कार्रवाई
फिलहाल, पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रोहिणी स्थित अंबेडकर अस्पताल में रखवा दिया है। पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड गठन करने के लिए दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है। ऐसे में उम्मीद है कि सोमवार को शव का पोस्टमार्टम हो सकेगा। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई करेगी।
बुखार होने पर बच्चे को अस्पताल लेकर आए थे परिजन
पेशे से रिक्शा चालक प्रदीप बवाना जेजे कॉलोनी के एफ ब्लॉक में रहते हैं। उनके अनुसार बृहस्पतिवार की रात 8 बजे उनके दो साल दो माह के बेटे आदर्श की अचानक तबीयत खराब हो गई तो उसे लेकर महर्षि वाल्मीकि अस्पताल लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में बच्चे को टैबलेट देकर घर भेज दिया गया, लेकिन रात भर बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो शुक्रवार सुबह दोबारा परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल आए।आरोप है कि अस्पताल में बच्चे को भर्ती करने के लिए एक घंटे तक इधर-उधर भटकते रहे।
परिजनों का आरोप
परिजनों का कहना है कि इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की हालत और बिगड़ गई, नाक से खून निकलने लगा और कुछ ही देर में उसकी की मौत हो गई। बच्चे की मौत की खबर जैसे ही बवाना जेजे कॉलोनी के लोगों को मिली तो लोग अस्पताल पहुंच गए और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। परिजन बच्चे का इलाज करने वाले डाक्टरों को सामने लाकर कार्रवाई की मांग करने लगे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें डाक्टर के बारे में जब कोई जानकारी नहीं दी तो लोगों ने अस्पताल के बाहर सड़क पर आकर हंगामा शुरू कर दिया और जाम लगा दिया।