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दिल्ली के लोगों को वेस्ट टू वंडर पार्क के बाद अब जल्द मिलेगा भारत दर्शन पार्क का तोहफा, जानिए खासियतें

महापौर ने कहा कि भारत दर्शन पार्क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है और अक्टूबर के अंत तक हम इसे दिल्ली की जनता को समर्पित कर देंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और लाकडाउन के चलते निर्माण कार्य में कुछ देरी जरूर हुई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 01:55 PM (IST)
दिल्ली के लोगों को वेस्ट टू वंडर पार्क के बाद अब जल्द मिलेगा भारत दर्शन पार्क का तोहफा, जानिए खासियतें
भारत दर्शन पार्क का निरीक्षण करने पहुंचे महापौर मुकेश सुर्यान, सौजन्य निगम।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर मुकेश सुर्यान ने पश्चिमी जोन के उपायुक्त राहुल सिंह, नेता सदन इन्द्रजीत सहरावत के साथ पंजाबी बाग क्षेत्र में निर्माणाधीन भारत दर्शन पार्क का निरीक्षण किया। उन्होंने पार्क के निर्माण कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिये कि दक्षिणी निगम की इस महत्वाकांक्षी योजना के शेष कार्यों को भी अतिशीघ्र पूरा किया जाए। इस अवसर पर पश्चिमी जोन की अध्यक्ष श्वेता सैनी, उद्यान विभाग के निदेशक डा. आलोक सिंह, स्थानीय निगम पार्षद कैलाश सांकला मौजूद रहे।

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महापौर ने कहा कि भारत दर्शन पार्क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है और अक्टूबर के अंत तक हम इसे दिल्ली की जनता को समर्पित कर देंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और लाकडाउन के चलते निर्माण कार्य में कुछ देरी जरूर हुई है, लेकिन अब कार्य पूरे जोरों पर है। महापौर ने बताया कि दक्षिणी निगम ने वेस्ट टू वेल्थ की नई अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए पंजाबी बाग में यह भव्य पार्क बनाया है, जहां वेस्ट से बनाई गई भारत की प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों की प्रतिकृतियां हैं। इस पार्क की थीम विविधता में एकता है, जहां भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को एक स्थल पर निर्मित किया जा रहा है।

वेस्ट टू वंडर पार्क की भांति ही यह पार्क भी दिल्ली का लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनेगा। उन्होंने बताया कि सैर के लिए 1.5 किमी का ट्रैक, बच्चों के खेलने का विशेष स्थान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए स्टाल, फूड कोर्ट, फोटोग्राफी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग स्थान होंगे। उन्होंने कहा कि यहां पर कुतुबमीनार, ताजमहल, चारमीनार, गेटवे आफ इंडिया, नालंदा स्मारक, मैसूर पैलेस सहित कई अन्य ऐतिहासिक इमारतों की प्रतिकृति का निर्माण किया गया है। यह प्रतिकृतियां निगम स्टोर में बेकार पड़ी पुरानी गाड़ी, नट बोल्ट, पंखे से बनाई गई है।


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