Delhi Amrit Udyan: अमृत उद्यान को लोगों ने सराहा, बोले-तुगलक और अकबर रोड के भी बदलें नाम
Delhi Amrit Udyan मंगलवार से शुरू हुआ अमृत उद्यान आम नागरिकों के लिए 28 मार्च तक खुला है। यहां सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक पंजीकरण के आधार पर टिकट से प्रवेश दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान (Amrit Udyan) आम लोगों के खुल गया है। मंगलवार सुबह से ही इसमें प्रवेश के लिए दर्शकों की लंबी कतार थी। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इसका नाम मुगल गार्डन से बदलकर अमृत उद्यान किया। पहले दिन यहां पहुंचे लोगों ने नाम बदलने का स्वागत किया है।
राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर-35 से दिया गया प्रवेश
लोगों ने दिल्ली और देश के विभिन्न राज्यों के ऐसे स्थानों के नाम बदलने की सलाह दी है, जो गुलामी के प्रतीक हैं और गुलामी की मानसिकता को दर्शाते हैं। सरकार के निर्णय की सरहाना करते हुए अमृत उद्यान आने वाले दर्शक इस नाम की काफी चर्चा करते हुए भी देखे गए। राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर-35 (केंद्रीय सचिवालय बस टर्मिनल के पास) से आम लोगों को प्रवेश मिल रहा था। यहां सुरक्षा जांच के पुख्ता इंतजाम थे। लोगों को रजिस्ट्रेशन के आधार पर मिले टिकट से प्रवेश दिया जा रहा था।
अमृत उद्यान को देखने आने वालों में दिल्ली-एनसीआर समेत दूसरे राज्यों के लोग भी थे। इसमें परिवार और दोस्तों के साथ लोग पहुंचे। यहां लोगों ने अमृत उद्यान का दीदार किया। मंगलवार से शुरू हुआ अमृत उद्यान आम नागरिकों के लिए 28 मार्च तक खुला है। यहां सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक पंजीकरण के आधार पर टिकट से प्रवेश दिया जा रहा है।
ज्यादातर आनलाइन टिकट लेकर आ रहे लोग
राष्ट्रपति भवन में अमृत उद्यान देखने आने वाले लोगों में ज्यादातर ऐसे लोग थे, जो आनलाइन टिकट लेकर ही आ रहे थे। बाकी जिन लोगों ने आनलाइन टिकट नहीं लिए थे उनकी सुविधा के लिए तीन स्थानों पर 10 कियोस्क लगाए गए थे, जहां पर लोग स्वयं ही टिकट ले सकते थे। इसके अलावा हेल्प डेस्क पर भी कर्मी भी लोगों को टिकट देने के लिए मदद कर रहे थे।
मोबाइल पंजीकरण के साथ लोगों को लिंक के माध्यम से ही टिकट दिया जा रहा था। इसके साथ ही अमृत उद्यान में ले जाने के लिए कई प्रतिबंधित वस्तुओं को रखने के लिए यहां पर क्लाक रूम भी बनाया गया है, जहां पर पहचान पत्र दिखाकर इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है।
क्या बोले लोग?
उत्तर प्रदेश के मिजार्पुर प्रशांत दुबे ने कहा कि अमृत उद्यान को देखने की अलग उत्सकुता थी, क्योंकि इसका नाम सरकार ने मुगल गार्डन से बदलकर किया है। यह सरकार का सही कदम हैं। अमृत उद्यान में अलग-अलग तरह के फूल देखे, जो सामान्य रूप से देखने को नहीं मिलते हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी डा. दिव्या ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लाल किले से कहा था कि हमें गुलामी के प्रतीकों को हटाना है। ऐसे में मुगल गार्डन का नाम भी उसमें से एक था। सरकार को दिल्ली में अकबर रोड व तुगलक रोड जैसी सड़कों के नाम भी बदलने चाहिए।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद निवासी अक्षय जैन ने बताया कि बहुत सुंदर उद्यान है। खुशी है कि राष्ट्रपति ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में इसको नया नाम दिया है। देश में इस प्रकार के अन्य नामों को भी तेजी से बदलना चाहिए।
राजस्थान के नागौर निवासी पुखराज चौधरी ने कहा कि अमृत उद्यान को देखकर बहुत अच्छा लगा। बदलाव प्रकृति का नियम है। ऐसे में इसका नाम अमृत उद्यान किया गया तो यह भी स्वागत योग्य है। अंदर बहुत सुंदर फूल और पौधे हैं, जिन्हें देखकर मन आनंदित हो जाता है।