PayTm केसः डाटा चोरी से उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ी, पहले भी वॉलेट से हुए हैं कई फ्रॉड
PayTm मामले से देश में फिर से डाटा सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। कर्मचारियों द्वारा ही गोपनीय डाटा करने से इस मोबाइल वॉलेट कंपनी के उपभोक्ताओं की भी चिंता बढ़ गई है।
नोएडा, जेएनएन। देश की नामी मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम का डाटा चोरी कर मालिक विजय शेखर से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले ने देश में डाटा सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत में डाटा चोरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार और तमाम साइबर एक्सपर्ट चिंता व्यक्त कर चुके हैं और लगातार इससे निपटने का रास्ता तलाश रहे हैं। ऐसे में पेटीएम के कर्मचारियों द्वारा ही गोपनीय डाटा चोरी होने से इस मोबाइल वॉलेट कंपनी के उपभोक्ताओं की भी चिंता बढ़ गई है।
मालूम हो कि देश भर में पेटीएम वॉलेट के जरिए फ्रॉड के मामले भी आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसे में आशंका गहरा गई है कि पूर्व में हुए फ्रॉड में भी कंपनी से डाटा चोरी के तार जुड़े हो सकते हैं। कंपनी मालिक से रंगदारी मांगने की जांच कर रही पुलिस टीम इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। इसके लिए एसएसपी गौतमबुद्धनगर डॉ अजयपाल शर्मा ने साइबर क्राइम सेल को भी जांच में शामिल कर दिया है।
सोनिया के फ्लैट से हार्ड डिस्क में मिला चोरी का डाटा
नोएडा के थाना सेक्टर-20 प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत ने बताया कि मंगलवार को कंपनी की गिरफ्तार वाइस प्रेसीडेंट (वीपी) सोनिया धवन के प्रतीक लोरियल सोसायटी सेक्टर 120 स्थित फ्लैट की तलाशी ली। पुलिस को तलाशी के दौरान एक हार्ड डिस्क मिली है। इस हार्ड डिस्क में ही सोनिया धवन ने कंपनी से चोरी किये गये डाटा को सुरक्षित कर रखा था। इसके साथ ही देवेंद्र कुमार और रोहित चोमल के पास भी चोरी का डाटा है। हार्ड डिस्क में कंपनी का अति गोपनीय डाटा रखा गया है। इसमें कंपनी की शुरुआत से लेकर नोटबंदी के दौरान तेजी से बिजनेस बढ़ाने समेत कई अन्य महत्वपूर्ण प्लान के साथ ई-मेल और कई पासवर्ड आदि शामिल हैं। पुलिस ने हार्ड डिस्क, सोनिया समेत तीनों आरोपितों का मोबाइल और अन्य दस्तावेज को जब्त कर लिया है।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में गए तीनों आरोपी
पेटीएम के संस्थापक और एमडी विजय शेखर शर्मा से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार वाइस प्रेसिडेंट (वीपी) व एमडी की निजी सचिव सोनिया धवन, उसके पति रूपक जैन और सहकर्मी देवेंद्र कुमार को जिला अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लुक्सर जेल भेज दिया है। थाना सेक्टर-20 पुलिस ने सोमवार शाम को सोनिया धवन समेत तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने कोर्ट में पेश किए पुख्ता साक्ष्य
सोनिया धवन को पुलिस ने सेक्टर 39 स्थित महिला थाने में सोमवार को रात भर रखा और मंगलवार को उन्हें मीडिया से बचाते हुए गोपनीय तरीके से कोर्ट में पीछे के गेट से दोपहर करीब दो बजे पेश किया गया था। पुलिस ने कोर्ट के सामने विजय शेखर को भेजे गए धमकी भरे वाट्सएप मैसेज, इंटरनेट कॉल की दूसरे मोबाइल में रिकॉर्ड की गई ऑडियो समेत अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करके उन्हें जेल भेजने की मांग की थी। उधर, एसएसपी ने इस मामले की जांच में साइबर सेल को भी लगा दिया है।
कोर्ट ने जमानत की अर्जी खारिज की
पेटीएम का गोपनीय डाटा चोरी करने की आरोपित सोनिया धवन, उसके पति रूपक जैन और कंपनी कर्मचारी देवेंद्र कुमार की जमानत के लिए वकील ने मंगलवार को जिला न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। सोनिया के वकील ने दलील दी कि उनके क्लाइंट को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। एक महीना पहले ही सोनिया का प्रमोशन किया गया था। यह सुबूत है कि वह एक अच्छी कर्मचारी थीं। बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपितों को जमानत देने से इन्कार कर दिया। उधर, सोनिया के परिजन का कहना है कि उनका कंपनी में शेयर भी है। इसे वापस करने का दबाव बनाया जा रहा था। इसी कारण उन्हें फंसाया गया है।
महिला बंदियों के बीच सेलिब्रिटी बनी सोनिया धवन
रंगदारी मामले में जिला कारागार पहुंची पेटीएम की वाइस प्रेसिडेट सोनिया धवन महिला बैरक में पहले से बंद महिला बंदियों के बीच सेलिब्रिटी बन गईं हैं। यहां बंद अधिकांश महिला बंदियों ने सोनिया धवन के कारागार में आने के कारणों के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश की। हालांकि, सोनिया ने किसी ने बात नहीं की। कारागार की चारदीवारी के बीच कंबल व चादर में मंगलवार रात इनकी नींद पूरी नहीं हुई। कई महिला बंदी भी पूरी रात नहीं सोईं।
सोनिया, इनके पति रूपक जैन व सहकर्मी देवेंद्र ने न तो ठीक से खाना खाया न ही सो पाए। बुधवार सुबह भी तीनों आरोपित अपने बैरक से बाहर नहीं आए। सोनिया धवन को महिला बैरक में और इनके पति रूपक जैन, सहकर्मी देवेंद्र कुमार को एक नंबर सर्किल में रखा गया है। तीनों आरोपितों की एक झलक पाने के लिए कारागार के बंदियों में बेचैनी देखी गई। हालांकि, कारागार प्रशासन की मुस्तैदी के कारण किसी को भी इनके आसपास फटकने नहीं दिया गया।
ये है रंगदारी का पूरा मामला
पेटीएम के एमडी विजय शेखर शर्मा से 20 सितंबर से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी जा रही थी। पेटीएम का मुख्यालय सेक्टर 6 में स्थित है। विजय शेखर ने 2 लाख रुपये रंगदारी मांगने के फरार आरोपित रोहित चोमल के खाते में ट्रांसफर भी कर दिये थे। लेकिन आरोपित 10 करोड़ रुपये की और मांग कर रहा था। रुपये न मिलने पर कंपनी का गोपनीय डाटा सार्वजनिक करने की धमकी दी जा रही थी। पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजय शेखर शर्मा का आरोप है कि रंगदारी मांगने में कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट सोनिया धवन, उसके पति रूपक जैन, कंपनी कर्मी देवेंद्र और रोहित चोमल का हाथ है। रविवार को उन्होंने नोएडा के थाना सेक्टर-20 में शिकायत दी थी। पुलिस ने सोमवार को एफआइआर दर्ज की और शाम को तीनों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि कोलकाता निवासी रोहित अभी भी फरार है।
2010 में नोएडा से शुरू हुई थी पेटीएम
पेटीएम कंपनी को विजय शेखर शर्मा ने अगस्त 2010 में नोएडा से बतौर स्टार्टअप शुरू किया था। वर्ष 2012 में कंपनी को मोस्ट इनोवेटिव स्टार्टअप ऑफ दि ईयर का खिताब मिला था। इसके बाद कंपनी ने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहना और पुरस्कार बटोरे। इसके बाद जनवरी 2014 में कंपनी ने अपना मोबाइल वॉलेट लॉच किया।
नोटबंदी के बाद बढ़ा कंपनी का बिजनेस
आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक से 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषण कर दी। मोबाइल वॉलेट लॉच कर चुकी पेटीएम कंपनी के लिए ये मौका टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ और कंपनी के बिजनेस में बेतहासा वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2017 में पेटीएम भारत की पहली ऐसी मोबाइल वॉलेट कंपनी बन गई जिसके एप को 100 मीलियन (10 करोड़) से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया। नोटबंदी इसकी मुख्य वजह थी। पेटीएम एप आज दस भाषाओं में उपलब्ध है। जनवरी 2018 में पेटीएम 10 बिलियन (1000 करोड़) डॉलर की कंपनी बन गई। कंपनी के मुताबिक वर्तमान समय में सात मिलियन (70 लाख) से ज्यादा मर्चेंट ऑनलाइन भुगतान के लिए पेटीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं।